कुछ भी हो जाए पाकिस्तान अपनी फितरत से बाज नहीं आता है। इसका ताजा उदाहरण है बालाकोट एयर स्ट्राइक की दूसरी बरसी पर नए प्रोपेगैंडा के जरिए खुद को बचाने की कोशिश के लिए जारी किया गया वीडियो। पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान का एक नया वीडियो जारी करते हुए प्रोपेगैंडा फैलाने की कोशिश की है।
एयरस्ट्राइक के बाद 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों को खदेड़ने की कोशिश में अभिनंदन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में पहुंच गए थे। इसके बाद उन्हें पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार करके कब्जे में ले लिया था और एक मार्च को भारत के दबाव में उन्हें वाघा बॉर्डर पर छोड़ दिया था। उस दौरान पाकिस्तान की सेना ने विंग कमांडर के कई वीडियो जारी किए थे। अब पाकिस्तान ने एक नया वीडियो जारी किया है।
इस प्रोपेगैंडा वीडियो में अभिनंदन कश्मीर में शांति की अपील और पाकिस्तान एवं भारत में कोई अंतर न होने की बात करते दिखाई दे रहे हैं। वे पाकिस्तानी सेना की खातिरदारी की तारीफ भी करते नजर आ रहे हैं लेकिन ये वीडियो साफ नहीं है जिससे स्पष्ट है कि इसे कई बार एडिट किया गया है। वहीं वीडियो में तमाम कट से जाहिर है कि पाकिस्तान की तरफ से अपने प्रोपेगैंडा के लिए अभिनंदन के पुराने वीडियो को एडिट करके इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि वीडियो की सत्यता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
वीडियो में अभिनंदन कहते हैं, ‘ऊपर से जब मैंने देखा तो दोनों ही देशों में कोई अंतर नहीं लग रहा था। यहां तक कि मैं जब पैराशूट से नीचे गिरा तो यह भी पता नहीं चला कि मैं किस देश में हूं। आदमी भी दोनों देशों के एक से ही हैं। मैं जब नीचे गिरा तो मुझे काफी गहरी चोट लगी थी और मैं हिल नहीं पा रहा था। मैंने यह जानने की कोशिश की कि मैं कहां हूं। जब मुझे पता चला कि मैं अपने मुल्क में नहीं हूं तो मैंने भागने की कोशिश की। मेरे पीछे लोग आए थे और उनका जोश काफी ऊंचा था और वे चाहते थे कि मुझे पकड़ लें।’
वीडियो में वे आगे पाकिस्तानी सेना की तारीफ करते हुए कहते हैं, ‘तभी पाकिस्तानी सेना के दो जवान आए, उन्होंने मुझे पकड़ा और बचाया। एक कप्तान, उन्होंने इन लोगों से बचाया और यूनिट तक ले गए जहां फर्स्ट एड दिया गया अस्पताल ले जाया गया। वहां जांच हुई, मुझे और एड दिया गया। तब से आपकी खातिरदारी के साथ मैं यहां पर हूं। क्या हो रहा है कश्मीरियों के साथ वह न आपको पता है न मुझे पता है। हमें शांति से सोचना चाहिए।’