बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी की ओर से नई याचिका दायर करके बाबरी मस्जिद का मलबा और उससे जुड़े हुए तमाम समान की मांग की जाएगी। इसमें कुरान की आयतें लिखे हुए पत्थर समेत कई समान है, जो बाबरी मस्जिद के बताए जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत याचिका दायर करने की तैयारी चल रही है।
बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी व पक्षकार हाजी महबूब ने कहा कि बुधवार को लखनऊ में आयोजित एक बैठक में निर्णय लिया गया है कि हम लोग राममंदिर फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव याचिका दायर करेंगे।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल करके जो मलवा बाबरी मस्जिद का राम जन्म गर्भगृह में है उसको वापस देने की मांग की जाएगी। साथ ही बाबरी मस्जिद से जुड़े हुए भी अन्य सामान वापस लेने के लिए याचिका दायर होगी। बाबरी पक्षकार की माने तो विराजमान रामलला के नीचे की मिट्टी मस्जिद का मलवा है।
मस्जिद का मलबा पाक होता है। उसको मुस्लिम समाज वापस लेकर अपने तरीके से खर्च करेगा, डिस्ट्रॉय करेगा। शरीयत के मुताबिक मस्जिद की सामग्री किसी दूसरी मस्जिद या भवन में नहीं लगाई जा सकती है और न ही इसका अनादर किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मलबे के संबंध में कोर्ट के निर्णय में स्पष्ट आदेश नहीं है। ऐसे में मलबे के हटाने के समय उसका अनादर होने की आशंका है।
उन्होंने कहा कि अब सिर्फ क्यूरेटिव पिटीशन की रेमिडी बाकी रह गई है लेकिन ये तभी संभव है जब सुप्रीम कोर्ट का वरिष्ठ वकील अपना यह प्रमाण पत्र देने के लिए तैयार हों। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के 2002 के रूपा अशोक हुर्रा मुकदमे में तय नियमों के अनुसार है।
वहीं, मामले पर रामलला विराजमान के पक्षकार त्रिलोकी नाथ पांडे का बयान आया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज मलबा ले जा सकते है यह उनका है। हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है।