बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भारतीय नकली नोटों का कारोबार करने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. इस रैकेट के सदस्य 2000 रुपये के फर्जी नोट छाप रहे थे. भारतीय जांच एजेंसी NIA को शक है कि पिछले साल पकड़े गए नकली नोट रैकेट के शातिर सदस्य दोबारा एक्टिव हो गए हैं.

एनआईए ने गृह मंत्रालय को जानकारी दी है कि ढाका में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में बांग्लादेशी नागरिकों के अलावा एक पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल है. जिसकी पहचान दानिश के रूप में हुई है. ये सभी आरोपी नकली भारतीय नोटों की तस्करी में जुटे हुए थे. सूत्रों के मुताबिक दानिश की पत्नी भी इस कारोबार में उसका साथ देती है. ये दोनों पिछले आठ वर्षों से भारतीय नकली नोटों की तस्करी करने वाले रैकेट में शामिल हैं.
हालांकि अब तक की जांच से पता चला है कि demonetization के बाद ये लोग भारतीय नकली नोट अभी तक नहीं बना पाए हैं. पर NIA इस मामले में पाकिस्तान के संभावित संबंधों की जांच कर रही है. NIA ने ढाका के जांच अधिकारियों से पाक लिंक के बारे में और ज्यादा जानकारी मांगी है.
बांग्लादेश में इस रैकेट के पास काफी सामान बरामद हुआ है. जिसमें नोट छापने की मशीन के अलावा लोहे से बनी एक नकली नोट काटने की मशीन, नकली नोटों की छपाई के छह पेज, पूरी तरह से मुद्रित नकली 2000 के भारतीय नोट और आंशिक रूप से मुद्रित एफआईसीएन के 24 पेज और कलर प्रिंटर भी शामिल हैं.
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