आठ साल पहले बहुचर्चित डॉ गाबा उर्फ बाबा हत्याकांड मामले में दोषी विनोद मित्ताथल को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार की अदालत ने आजीवन कारावास और 13 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
सात मई 2016 को गांव हेतमपुरा के चौकीदार राजू ने सदर पुलिस सूचना दी कि गांव हेतमपुरा व लहलाना के बीच महेंद्र के खेत में गाड़ी के अंदर एक व्यक्ति का जली अवस्था में शव पड़ा है। मृतक की शनाख्त गाड़ी के आधार पर भिवानी निवासी डॉ. गाबा के रूप में हुई थी। वहीं उसका चरखी दादरी में क्लीनिक था।
पुलिस ने इस मामले में हत्या कर वारदात को छिपाने लिए शव को जलाने का मामला दर्ज किया। आरोप था कि डॉ. गाबा की फिरौती नहीं देने पर हत्या की गई थी। जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में विनोद मित्ताथल को गिरफ्तार कर न्यायालय में उसके खिलाफ चार्जशीट पेश की।
इन धाराओं में सुनाई सजा: धारा 302 में उम्रकैद की सजा और दस हजार रुपये जुर्माना। धारा 201 में पांच साल की कैद व तीन हजार रुपये जुर्माना। दोषी द्वारा जुर्माना राशि न भरने पर अतिरिक्त कारावास का भी प्रावधान किया है।
इनामी बदमाश विनोद मित्ताथल 2019 से जेल में बंद
पुलिस ने बताया कि विनोद मित्ताथल कुख्यात बदमाशों में शामिल है। पुलिस ने उसे अति वांछित व इनामी बदमाश भी घोषित किया था। पुलिस ने उसे राजस्थान में मुठभेड़ के बाद काबू किया था। वर्ष 2019 से वह जेल में बंद है।