सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाने वाले शिवपाल यादव ने सपा-बसपा गठबंधन को लेकर अखिलेश यादव को आगाह किया है. शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव को चेताया कि वह मायावती पर ज्यादा भरोसा नहीं करें. 1995 के ‘लखनऊ गेस्टहाउस कांड’ का जिक्र करते हुए शिवपाल ने कहा कि उस कांड के बाद मायावती ने सपा के अन्य नेताओं के साथ उन पर भी आरोप लगाए थे.
सपा के गढ़ माने जाने वाले चंदौली में एक रैली को संबोधित करते हुए शिवपाल यादव ने कहा, ”बहनजी ने मुझ पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. मैंने कहा था कि मैं जांच के लिए तैयार हूं. मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं लेकिन मेरी शर्त ये है कि नार्को टेस्ट बहनजी का भी होना चाहिए, मेरा भी होना चाहिए. वो नहीं मानीं.”
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ”आप ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं कर सकते तो टिकटें बेचते हैं. जो नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं. मायावती ने उनको ‘गुंडे’ कहा. क्या मायावती पर भरोसा किया जा सकता है? वह ज्यादा सीटें नहीं जीतेंगी.”
सीबीआई के डर से हुआ सपा-बसपा का गठबंधन
इससे पहल शिवपाल सिंह यादव ने सपा-बसपा के गठबंधन पर हमला करते हुए रविवार को कहा था कि सीबीआई के डर से यह गठजोड़ तैयार हुआ है. शिवपाल ने कहा कि वर्ष 1993 में जब सपा-बसपा का गठबंधन हुआ था, उस वक्त दोनों ही पार्टियों पर कोई आरोप नहीं था और ना ही सीबीआई का कोई डर था.
उन्होंने कहा “आज तो सीबीआई का ही डर है. इस डर की वजह से यह गठबंधन हो रहा है. यह गठबंधन सफल नहीं होगा.” शिवपाल ने किसी भी धर्मनिरपेक्ष दल से गठबंधन की इच्छा जताते हुए कहा “अभी हमारी बात तो नहीं हुई है लेकिन जितने भी धर्मनिरपेक्ष दल हैं, उनमें कांग्रेस भी है. अगर कांग्रेस हमसे संपर्क करेगी तो मैं उससे गठबंधन के लिए बिल्कुल तैयार हूं.”
मालूम हो कि सपा में उपेक्षा की बात कहकर उससे अलग होने के बाद शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया नाम से अलग पार्टी बनाई है. हालांकि वह अब भी जसवंतनगर सीट से सपा के विधायक हैं.