बम की धमकी के दूसरे दिन दिल्ली के स्कूलों में कम रही बच्चों की उपस्थित

अनेक लोगों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। वहीं, पुलिस ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के मैसेज पर यकीन न करें। इनमें कोई सच्चाई नहीं है। वे न तो इन मैसेज पर ध्यान दें और न ही किसी दूसरे को भेजें।

राजधानी में बुधवार सुबह 223 स्कूलों में बम रखे होने के फर्जी ई-मेल के बाद शाम को सोशल मीडिया पर ऑडियो और टेक्स्ट मैसेज वायरल हो गए। इनमें दावा किया गया कि राजधानी के कई स्कूलों में बम मिले हैं, लेकिन पुलिस जानबूझकर जानकारी लोगों को नहीं दे रही है। इन मैसेज का बृहस्पतिवार को खासा असर देखने को मिला।

अनेक लोगों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। वहीं, पुलिस ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के मैसेज पर यकीन न करें। इनमें कोई सच्चाई नहीं है। वे न तो इन मैसेज पर ध्यान दें और न ही किसी दूसरे को भेजें।

पुलिस के अनुसार, अफवाह भरे मैसेज भेजने के मामले में अलग से जांच शुरू कर दी गई है। इस बात का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि यह मैसेज किसने और कहां से लोगों को भेजे। आरोपी की पहचान कर सख्त कार्रवाई होगी। अब तक की जांच के बाद यह बात तो साफ है कि देश का माहौल खराब करने और दहशत फैलाने के लिए दिल्ली-एनसीआर में बम के फर्जी ई-मेल भेजे गए।

ई-मेल भेजने और अफवाह भरे मैसेज भेजने वाले एक ही गिरोह के लोग हो सकते हैं। पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पत्र लिखकर ऑडियो और टेक्स्ट मैसेज भेजने वाले का पता लगाने का प्रयास कर रही है। माना जा रहा है कि बम के धमकी भरे ई-मेल के बाद इन मैसेज को साजिश के तहत सोशल मीडिया पर भेजा गया।

पुलिस की ओर अभिभावकों के लिए दिशा निर्देश

  • इस तरह की किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें
  • अफवाह वाले किसी भी ऑडियो या टेक्स्ट मैसेज को आगे न भेजें
  • मैसेज मिलने पर पैनिक न पैदा करें
  • स्कूल से संबंधित मैसेज मिलने पर फौरन स्कूल प्रशासन से संपर्क करें
  • गलत मैसेज फैलाने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है

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