ईवी नीति में कैपिंग का ऑटोमोबाइल डीलर्स शुरू से ही विरोध कर रहे थे, लेकिन 23 जून को सेक्टर-31 स्थित पीएचडी चेंबर में आयोजित एक कार्यक्रम में मेयर अनूप गुप्ता ने प्रशासन के अधिकारियों को कड़ा संदेश दिया था। मेयर ने मंच से कहा था कि प्रशासन के अधिकारी अगर ईवी नीति में संशोधन नहीं करेंगे तो वह अन्य लोगों के साथ चंडीगढ़ की सीमा पर धरने पर बैठेंगे और पेट्रोल-डीजल की अन्य गाड़ियों को भी चंडीगढ़ में घुसने नहीं देंगे। इ
चंडीगढ़ प्रशासन ने ऑटोमोबाइल डीलर्स और पेट्रोल-डीजल वाहनों के खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए दो और चारपहिया गैर ईवी वाहनों पर लगाई कैपिंग हटा दी है। अब सिटी ब्यूटीफुल में बेरोकटोक पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन खरीदे जा सकेंगे। चौतरफा दबाव और मांगों को देखते हुए प्रशासन ने गुरुवार को प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की अध्यक्षता में ईवी नीति की पुनर्समीक्षा कर स्थायी तौर पर कैपिंग हटाने की घोषणा की।
भाजपा सांसद किरण खेर समेत मेयर अनूप गुप्ता और अन्य हितधारकों ने एक स्वर में ईवी नीति के तहत पेट्रोल-डीजल वाहनों पर लगाई गई कैपिंग का विरोध किया था। इसे लेकर हाल ही में सांसद किरण खेर ने क्रेस्ट के अधिकारियों के साथ बैठक कर नीति का विरोध किया था। सांसद ने कहा था कि- जब देश के किसी भी राज्य में इस तरह की कैपिंग नहीं तो आप किसी से जबरदस्ती नहीं कर सकते। इससे पूर्व धनतेरस और दिवाली पर कैपिंग को लेकर विरोध को देखते हुए प्रशासन ने पहले वाहनों के पंजीकरण कोटे से लोगों को अस्थायी तौर पर राहत दी थी, जिसे 27 नवंबर तक लागू किया गया था।
वहीं, गुरुवार को ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन समेत अन्य हितधारकों के साथ हुई बैठक में प्रशासन ने ईवी नीति को प्रोत्साहन देने के मकसद से स्ट्रांग हाइब्रिड वाहनों पर 50 प्रतिशत टैक्स छूट देने का एलान किया है। इसके अलावा शहर में कई जगह ईवी चार्जिंग स्टेशन खोले जाने की योजना तैयार की है।
चंडीगढ़ प्रशासन ने प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की अध्यक्षता में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति की समीक्षा की। बैठक में प्रशासक के सलाहकार नितिन यादव सहित विभिन्न हितधारक मौजूद रहे। इससे पहले शहर की ईवी नीति को जुलाई और अक्तूबर 2023 में संशोधित करना पड़ा था। दूसरी समीक्षा के दौरान प्रशासक ने 27 नवंबर, 2023 से पहले नए सिरे से इसके मूल्यांकन की आवश्यकता जताई थी, जिसके तहत 27 नवंबर तक दो और चारपहिया वाहनों के पंजीकरण पर कैपिंग को अस्थायी रूप से हटाया गया था।
जून में पीएचडी चेंबर में उठी थी आवाज, मेयर ने दी थी धमकी
ईवी नीति में कैपिंग का ऑटोमोबाइल डीलर्स शुरू से ही विरोध कर रहे थे, लेकिन 23 जून को सेक्टर-31 स्थित पीएचडी चेंबर में आयोजित एक कार्यक्रम में मेयर अनूप गुप्ता ने प्रशासन के अधिकारियों को कड़ा संदेश दिया था। मेयर ने मंच से कहा था कि प्रशासन के अधिकारी अगर ईवी नीति में संशोधन नहीं करेंगे तो वह अन्य लोगों के साथ चंडीगढ़ की सीमा पर धरने पर बैठेंगे और पेट्रोल-डीजल की अन्य गाड़ियों को भी चंडीगढ़ में घुसने नहीं देंगे। इस कार्यक्रम में पहली बार एक मुद्दे पर कई व्यापारिक, औद्योगिक और रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन एक मंच पर आए थे। इसके बाद नगर निगम की सदन की बैठक में यूटी सचिवालय के बाहर धरना देने की भी घोषणा की। प्रदर्शन में भाजपा के पार्षद नहीं पहुंचे लेकिन आप और कांग्रेसी पार्षदों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसमें मेयर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पहुंचे थे।
यूटी प्रशासन का यह फैसला स्वागत योग्य है। हम पिछले काफी समय से कैपिंग हटाने की मांग कर रहे हैं। हम सभी इलेक्ट्रिक वाहनों के पक्ष में हैं लेकिन पहले लोगों को इसके प्रति जागरूक करना होगा। लोगों को ज्यादा इंसेंटिव आदि दिया जाना चाहिए ताकि वे खुद अपनी इच्छा से ईवी खरीदें। ईवी को लेकर पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट में जो केस चल रहे थे, उन सभी को पहले ही वापस ले लिया गया था। – रंजीव दहूजा, अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ चंडीगढ़ रीजन ऑटोमोबाइल डीलर्स