New Delhi: अब आठवी के स्टूडेंट्स को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार अब आठवीं कक्षा तक के छात्रों को फेल ना करने की नीति खत्म करने की मंजूरी दे दी है।
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आठवीं तक के छात्रों को फेल ना करने की नीति में बदलाव होने की संभावना है। बीते बुधवार मानव संसाधन और विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कुछ अहम बदलाव से संबंधित कुछ पाइंट जारी किए हैं जिसमें आठवीं तक के बच्चों को फेल न करने की नीति में बदलाव की बात कही गई है। मंत्रालय का तर्क है कि पुरानी नीति से छात्रों के शैक्षिक प्रदर्शन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। फेल ना करने की इस नीति को केवल पांचवी तक के छात्रों तक ही सीमित रखने की बात कही गई है
मंत्रिमंडल ने साथ ही देश में विश्व स्तर के 20 संस्थानों के निर्माण की मानव संसाधन विकास मंत्रालय की योजना को भी अपनी मंजूरी दे दी।इसे लेकर बाल निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार संशोधन विधेयक में एक प्रावधान बनाया जाएगा जिससे राज्यों को साल के अंत में होने वाली परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर छात्रों को पांचवीं और आठवीं कक्षा में रोकने की मंजूरी मिल जाएगी।
हालांकि, छात्रों को कक्षाओं में रोकने से पहले एक परीक्षा के जरिये सुधार का एक दूसरा मौका दिया जाएगा। विधेयक अब मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाएगा।शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मौजूदा प्रावधान के तहत छात्र परीक्षा में उत्तीर्ण हुए बिना भी आठवीं कक्षा तक बढ़ते जा सकते हैं। यह एक अप्रैल, 2011 को लागू हुए अधिनियम के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है।
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