बच्‍चों का दिमाग विकसित करेगी दिल्‍ली सरकार, आप भी जानिए कैसे होगा…

बच्चों के लिए अर्ली चाइल्डहुड केयर पाठ्यक्रम लांच करने व आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन बांटे जाने के लिए इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बच्‍चों के भविष्‍य को लेकर काफी फिक्रमंद दिखे। उन्‍होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को प्ले स्कूल की तरह माहौल मिलेगा। दिल्ली सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को हाईटेक कर रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत 10 हजार लोगों को स्मार्टफोन दिए जा रहे हैं।

प्‍ले स्‍कूल जैसा माहौल देने की कोशिश

अर्ली चाइल्डहुड केयर पाठ्यक्रम लांच करने के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में प्ले-स्कूल जैसा माहौल देने की कोशिश की जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। यहां काम कर रहीं सेविकाओं को अब 11-12 रजिस्टर नहीं रखने होंगे। वे स्मार्टफोन के जरिये ही पूरी जानकारी दे सकेंगी।

अर्ली चाइल्डहुड केयर पाठ्यक्रम लांच

वर्ष 2015 से पहले आंगनबाड़ी केंद्र केवल खाना बांटने के सेंटर की तरह जाने जाते थे। इसमें हमने बदलाव किया है। उन्होंने आंगनबाड़ी सेविकाओं से कहा कि दिल्ली के 6 लाख बच्चों का भविष्य उनके हाथों में हैं, आप दिल्ली के बच्चों का भविष्य संवारें। हम आपको कोई तकलीफ नहीं होंने देंगे।

दिल्‍ली में अच्‍छे काम का होता है जिक्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब देश में बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सरकारी स्कूलों की बात की जाती है तो दिल्ली में अच्छे काम का जिक्र होता है। इसी तरह आने वाले साल में हम आंगनबाड़ी केंद्रों में भी इस तरह के बदलाव करना चाहते हैं। जहां बच्चों को बुनियादी शिक्षा और उचित पोषक आहार मिले। जिन आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन दिए जा रहे हैं। उनके मोबाइल का खर्च भी दिल्ली सरकार ही वहन करेगी। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व मुख्य सचिव विजय देव भी मौजूद थे।

बच्चों के दिमाग को 80 फीसद विकसित करने पर काम शुरू : सिसोदिया

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सारी दुनिया के वैज्ञानिक कहते हैं कि 6 साल में बच्चे का 80 फीसद दिमाग विकसित हो जाता है, लेकिन हम यहां केवल खाना खिलाने तक ही दिलचस्पी रखते हैं। अब उनके खुश रहने, उनके दिमाग को विकसित करने पर काम शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आंगनबाड़ी सेविकाओं के हितों का ध्यान रख रहे हैं। उनका वेतन दस हजार रुपये कर दिया है।

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