पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प के दौरान एक सिख की पिटाई और पगड़ी उतारने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा की तरफ से इस घटना की निंदा की गई है। वहीं, राज्य के गृह विभाग ने इस मामले पर सफाई पेश करते हुए कहा है कि एक पार्टी इसे सांप्रदायिक रंग देने का काम कर रही है। राज्य में सिख भाई-बहन शांति और सम्मान के साथ रहते हैं।

राज्य के गृह विभाग द्वारा ट्वीट कर कहा गया, ‘ हमारे सिख भाई-बहन पश्चिम बंगाल में शांति, सद्भाव, एकता और अपनी आस्था के साथ रहते हैं। हाल ही एक घटना में एक आंदोलन के दौरान अवैध रूप से हथियार रखने वाले एक व्यक्ति को पकड़ा गया था।’
गृह विभाग ने कहा, ‘अवैध रूप से हथियार रखना कानून के अनुसार अपराध है, लेकिन इस संदर्भ को घुमाया जा रहा है। इसके तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है और अपने फायदे के लिए इसे सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है।’
गृह विभाग ने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा, ‘एक राजनीतिक दल संकीर्ण पक्षपातपूर्ण हित में इस विषय को सांप्रदायिक रंग दे रहा है, जिस पर बंगाल यकीन नहीं करता है। कानून के अनुसार पुलिसिंग की गई थी। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा सिख पंथ के प्रति सर्वोच्च सम्मान की पुष्टि की जाती है।’
दरअसल, राज्य के हावड़ा में भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प के दौरान एक सिख की पिटाई और पगड़ी उतारने का मामला सामना आया। भाजपा ने इसे भटिंडा निवासी बलविंदर सिंह का अपमान बताया। पार्टी ने कहा कि पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
वहीं मामला बढ़ता देख बंगाल पुलिस ने भी सफाई करते हुए कहा कि उसकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी। बंगाल पुलिस का कहना है कि बलविंदर से पिस्टल छीनने के दौरान पगड़ी अपने आप गिर गई।
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