अनहेल्दी खानपान और खराब लाइफस्टाइल के कारण कई लोग आज फैटी लिवर से परेशान है। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो यहां हम आपको ऐसी 5 ड्रिंक्स (Worst Drinks For Fatty Liver) के बारे में बताने जा रहे हैं जो लिवर से संबंधित बीमारियों में बेहद हानिकारक साबित होती हैं और फैटी लिवर के मरीजों को तो गलती से भी इनका सेवन नहीं करना चाहिए।
फैटी लिवर लोगों के खराब लाइफस्टाइल का परिणाम होता है। खानपान और रहन-सहन से जुड़ी खराब आदतें लिवर के लिए बेहद नुकसानदायक साबित होती हैं। क्या आप जानते हैं कि इस कुछ ड्रिंक्स ऐसी हैं, जिन्हें आप बड़े चाव से पीते हैं और जाने-अनजाने फैटी लिवर की समस्या को बढ़ाने का काम करते हैं? अगर नहीं, तो इस आर्टिकल में हम ऐसी ही 5 ड्रिंक्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके सेवन से लिवर के सेल्स में अतिरिक्त या फिर अनवांटेड फैट की मात्रा में इजाफा हो जाता है।
सोडा और सॉफ्ट ड्रिंक्स
फैटी लिवर की परेशानी में आपको भूलकर भी ऐसी ड्रिंक्स का सेवन नहीं करना चाहिए, जिनमें रिफाइंड शुगर या फ्रुक्टोज भारी मात्रा में पाया जाता है। यही वजह है कि डॉक्टर ऐसे मरीजों को सोडा या कोल्ड ड्रिंक्स पीने से मना करते हैं।
फ्रूट जूस
अगर आप फैटी लिवर से जूझ रहे हैं, तो ताजे फलों का सेवन तो कर सकते हैं, लेकिन इनका जूस पीना लिवर के लिए अच्छा नहीं है। यह लिवर में फैट की मात्रा को बढ़ाता है और आपको नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज का मरीज बना सकता है। वजह है इन जूस में मौजूद फ्रुक्टोज की मात्रा।
चाय-कॉफी
फैटी लिवर के मरीजों को चाय-कॉफी भी अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए। इससे लिवर पर बुरा असर पड़ता है। डॉक्टर बताते हैं कि फैटी लिवर की समस्या में कैफीन युक्त पेय पदार्थ लिवर को और भी कमजोर बनाने का काम करते हैं। इसकी जगह आप कोई हर्बल टी पी सकते हैं।
बियर
भले ही इसमें अल्कोहल की मात्रा शराब के मुकाबले कम होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि फैटी लिवर की समस्या में आप इसका सेवन कर सकते हैं। बता दें, इसमें मौजूद कैलोरी की मात्रा हैमबर्गर से भी ज्यादा होती है। ऐसे में, अगर आप बियर का ज्यादा सेवन करते हैं, तो लिवर को नुकसान पहुंच सकता है।
फ्लेवर्ड वॉटर
किसी भी तरह का फ्लेवर्ड वॉटर फैटी लिवर की समस्या को बदतर बनाने का काम करता है। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो भूलकर भी फ्लेवर्ड वॉटर का सेवन न करें, क्योंकि इसे बनाने के लिए आर्टिफिशियल रंगों और जरूरत से ज्यादा चीनी का इस्तेमाल किया जाता है।