सनी देओल और अमीषा पटेल की मुख्य भूमिका से सजी फिल्म ‘गदर: एक प्रेम कथा’ 15 जून 2001 को रिलीज हुई थी। फिल्म को 20 साल पूरे हो गए हैं। इसके गानों से लेकर कई डायलॉग और सीन आज भी लोगों को याद हैं।
हर सीन पर मचा ‘गदर’
‘गदर’ की कहानी भारत-पाकिस्तान बंटवारे पर आधारित थी। तारा सिंह बने सनी देओल का ‘जिंदाबाद’ वाला मशहूर डायलॉग हो या पूरा का पूरा हैंडपंप उखाड़ देने वाला सीन हो, हर बार सिनेमाघरों में खूब तालियां बजी हैं।
कैसे लिखा था सीन
हैंडपंप वाले सीन को लिखने की कहानी भी काफी रोचक है। निर्देशक अनिल शर्मा ने खुद इसका खुलासा किया है। अनिल शर्मा ने जब मैं इस सीन को लिख रहा था तो मुझे लगा जैसे अमरीश पुरी (अशरफ अली, उनका किरदार) पर पूरी बिल्डिंग फेंक दें लेकिन ये प्रैक्टिकल नहीं लगता इसलिए मैंने सीन में हैंडपंप लगाने का फैसला किया। यह सिर्फ हैंडपंप उखाड़ना नहीं था बल्कि इसके बीच भावनाएं थीं। यह प्रतीकात्मक था।‘
‘रामायण’ से प्रेरित
अनिल बताते हैं कि ‘जब लोग मुझसे पूछते हैं कि यह कैसे संभव है? तो मैं उनसे कहता हूं कि जब रामायण में लक्ष्मण को संजीवनी की जरूरत थी तो हनुमान पूरा पहाड़ उठा लाए थे। तारा सिंह हनुमान नहीं थे लेकिन वो हैंडपंप तो उठा ही सकते थे। हमें लगा कि इससे हम इमोशनली जोड़ सकते हैं। कई बुद्धिजीवी इस बात को नहीं समझ सकते।‘
बुद्धिजीवी नहीं समझ सकते
इस सीन को लेकर बहुत से लोग सहमत भी नहीं थे। अनिल शर्मा आगे कहते हैं कि ‘बहुत से बुद्धिजीवियों ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता। मैं यह नहीं कहता कि बुद्धिजीवी लोग सच्चाई से बहुत दूर रहते हैं लेकिन वो हैं। वो लॉजिक में यकीन करते हैं। उन्हें लगता है कि दो और दो मिलकर चार बनते हैं लेकिन भावनाएं दो और दो मिलकर पांच ही नहीं 10 भी हो सकती हैं।‘
भारत-पाक एंगल की भी अहम भूमिका
निर्देशक ने यह भी कहा कि भारत-पाकिस्तान से जुड़ी भावनाओं ने भी अहम रोल निभाया लेकिन ‘गदर’ के हिट होने के पीछे केवल यही वजह नहीं है। अनिल शर्मा बताते हैं कि ‘गदर केवल इसलिए हिट नहीं थी क्योंकि भारत-पाकिस्तान एंगल था बल्कि इसमें भावनाएं जुड़ी हई थीं। यह एक प्रेम कहानी है। एक पति, पत्नी, बेटे और उसके मां-बाप के बीच की कहानी है। अशरफ अली (अमरीश पुरी) और सकीना (अमीषा) की कहानी है।‘