केंद्र की नरेंद्र मोदी तथा उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्य की अक्सर ही सराहाना करने के साथ अपनी ही पार्टी पर लगातार उंगली उठाने वाली विधायक अदिति सिंह को कांग्रेस ने निलम्बित कर दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के रायबरेली सदर क्षेत्र की युवा विधायक अदिति सिंह ने कांग्रेस के प्रवासी कामगारों की मदद करने के लिए बसों का बेड़ा लगाने के मामले में कांग्रेस पर उंगली उठाई थी।
कांग्रेस से अदिति सिंह के इस कृत्य को अनुशासनहीनता माना है। इसके बाद कांग्रेस ने विधायक आदिति सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया है।
उनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कार्रवाई हुई है। रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने प्रवासी कामगारों के लिए बसों के मुद्दे पर भाजपा का पक्ष लेते हुए बुधवार को अपनी पार्टी पर ही निशाना साधा।
उन्होंने प्रियंका गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि कि संकट के समय निम्न स्तर की राजनीति की क्या आवश्यकता थी। कांग्रेस ने इसे गंभीरता से लेते हुए विधायक अदिति सिंह को पार्टी की महिला विंग के महासचिव पद से निलंबित कर दिया गया है।
इसके साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। अदिति सिंह के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और रायबरेली प्रभारी के एल शर्मा ने कहा कि पिछले वर्ष पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए विधानसभा में उनके खिलाफ एक नोटिस दिया गया था जो लंबित है।
विधायक अदिति सिंह ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है। लाक डाउन के चलते सभी कार्रवाई लंबित हैं।वह जवाब देने से बच रही हैं। पार्टी ने उनके विधायक पद से अयोग्य घोषित करने का भी अनुरोध किया है।
दबंग विधायक स्वर्गीय अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह 2017 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुई है। युवा विधायक अदिति सिंह अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं और गांधी परिवार के भी बेहद करीब हैं।
पार्टी से निलब्मित करने से पहलेे भी बीते वर्ष नवम्बर में विधानसभा सदस्यता समाप्त करने का भी नोटिस दिया गया था। अदिति सिंह का योगी आदित्यनाथ सरकार से वाइ श्रेणी की सुरक्षा मिली है और बीते वर्ष ही पंजाब से कांग्रेस के विधायक अंगद सैनी से अदिति सिंह का विवाह हुआ था। इससे पहले उनके सांसद राहुल गांधी से भी विवाह को लेकर काफी जोरदार अफवाह फैली थी।
कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने ट्वीट में लिखा है कि आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत। कांग्रेस ने कामगार व श्रमिकों की मदद के लिए एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाडिय़ां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।
अदिति सिंह मंगलवार को कांग्रेस तथा उत्तर प्रदेश सरकार के बीच बस विवाद में कूद पड़ीं। इसके बाद विधायक अदिति सिंह ने कांग्रेस की नीयत पर ही सवाल उठाये।
रायबरेली से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने ही इस पूरे मसले पर अपनी पार्टी के रुख की कड़ी आलोचना की। अदिति सिंह ने कहा है कि यह क्रूर मजाक है। अदिति सिंह लंबे समय से कांग्रेस विरोधी गतिविधियों में शामिल रही हैं।
पिछले साल पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुये अदिति विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने पहुंची थीं। इसके बाद उन्हेंं पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था।
कश्मीर से धारा 370 हटाने के मसले पर भी अदिति ने कांग्रेस से अलग अपना पक्ष रखा था। कोरोना वॉरियर्स के लिए पीएम मोदी की अपील पर भी उन्होंने दीये जलाये थे।
गांधी परिवार की करीबी और रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह ने योगी आदित्यनाथ सरकार के रुख का समर्थन करते हुये कोटा को लेकर भी सवाल उठाया है।
एक दूसरे ट्वीट में अदिति ने लिखा कि कोटा में जब प्रदेश हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोडि़ए, बॉर्डर तक ना छोड़ पाई, तब योगी अदित्यनाथ जी ने रातों-रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।