प्रयागराज: प्राचीन न्यायविद हनुमान मंदिर के बगल हो रहे निर्माण मामले में सरकार से जवाब-तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट स्थित प्राचीन न्यायविद हनुमान मंदिर के बगल हो रहे अवैध निर्माण पर यूपी सरकार से जवाब-तलब किया है। कोर्ट ने पूछा है कि यह निर्माण कैसे हो रहा है। कोर्ट ने अब इस मामले में 13 दिसंबर 2023 की तिथि तय की है। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मनोज गुप्ता और न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने सुनीता शर्मा व दो अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है।

याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पांडेय, वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह और विजय चंद्र श्रीवास्तव ने बहस की। दलील दी कि कथित निर्माण पूर्णत: अवैध है, जो बिना किसी स्वामित्व व अधिकार, बिना किसी सक्षम अधिकारी के अनुमति के हनुमान मंदिर के निर्माण केनाम पर आम सड़क पर निर्माण कराया जा रहा है।

इससे अधिवक्ताओं, वादकारियों को आवागमन की परेशानी हो रही है। यह निर्माण विविध नियमावलियों के खिलाफ है। याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायविद विराजमान हनुमान मंदिर बचाओ संघर्ष समिति एवं यूथ बार के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत मिश्र सहित कई अन्य अधिवक्ताओं ने भी पक्ष रखा। इस पर कोर्ट ने डीएम और पीडीए वीसी से जवाब दाखिल करने को कहा है।

बता दें कि हाईकोर्ट के पास स्थित न्यायविद हनुमान मंदिर तकरीबन सौ साल पुराना है और रिकॉर्डों में भी यह दर्ज है। पिछले दिनों हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह की अगुवाई में इस मंदिर के बगल स्थित पार्क में एक नई मंदिर बनाने का शिलान्यास किया। उस पर निर्माण कार्य जारी है। जनहित याचिका दाखिल होने के बाद निर्माण कार्य रोक दिया गया है।

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