प्रदेश के सरकारी इंटरमीडिएट विद्यालयों में प्रधानाचार्य के 692 पदों के लिए विभागीय भर्ती होगी। राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। आयोग का कहना है पाठ्यक्रम को मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया है, जिसे मंजूरी मिलते ही भर्ती के लिए आवेदन मांगे जाएंगे।
प्रदेश के इंटरमीडिएट विद्यालयों में प्रधानाचार्य के 1,385 पदों में से 1,024 पद पिछले कई साल से खाली हैं, जिससे इन विद्यालयों में व्यवस्था बनाए रखने एवं छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। हालांकि, अधिकतर विद्यालयों में वरिष्ठ प्रवक्ता को प्रभारी प्रधानाचार्य बनाया गया है, लेकिन विभाग के काफी प्रयास के बाद भी प्रधानाचार्य के खाली पद नहीं भर पाए हैं,
इसके देखते हुए शासन ने इन पदों को विभागीय भर्ती से भरने का निर्णय लिया है। शासन की ओर से निर्णय लिया गया है कि इन विद्यालयों में प्रधानाचार्य के 50 प्रतिशत पदों को पदोन्नति से एवं शेष पदों को विभागीय भर्ती से भरा जाएगा।
पूर्व में शतप्रतिशत पदोन्नति का था प्रधानाचार्य का पद
सरकारी इंटरमीडिएट विद्यालयों में प्रधानाचार्य का पद पूर्व में शतप्रतिशत पदोन्नति पदोन्नति का पद था। तय मानकों को पूरा करने वाले हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक पदोन्नति पाकर प्रधानाचार्य बनते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब पदोन्नति के साथ ही विभागीय परीक्षा से इन पदों को भरा जाएगा।
प्रधानाचार्य के पदों को विभागीय भर्ती से भरने की कार्रवाई चल रही है। आयोग ने इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है, जिसे मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया है। जल्द ही विभागीय भर्ती शुरू की जाएगी। -गिरधारी सिंह रावत, सचिव राज्य लोक सेवा आयोग