दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नर्सिंग अधिकारियों को सहज करना चाहते थे और इसलिए उन्होंने मजाक किया, स्थानीय भाषा में उनसे बात की और पूछा की वे कहां से हैं। इससे हकीकत में मदद मिली क्योंकि नर्सों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वे किसे टीका लगाने वाली हैं।
यह (प्रधानमंत्री द्वारा टीका लगाना) एक बड़ा गेम-चेंजर होगा। मुझे यकीन है कि बड़ी संख्या में लोग आएंगे और टीका लगवाएंगे। हमने सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों में लोगों को समायोजित करने के लिए कई केंद्र खोले हैं। एम्स में पांच केंद्र खोले गए हैं।’
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