भोंडसी स्थित रायन इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न हत्याकांड मामले में आरोपी छात्र की जमानत याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जे एस कुंडू की अदालत में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस हुई।
बहस के बाद अदालत ने जमानत पर फैसला सुरक्षित रखते हुए 8 जनवरी की तारीख निश्चित की है। उधर, परिजनों द्वारा छात्र के सीबीआई द्वारा लिए गए उंगलियों के निशान व सीबीआई द्वारा तय समय से अधिक समय तक पूछताछ को लेकर याचिका दायर की थी, जिस पर सीबीआई द्वारा जवाब दाखिल किया गया है।
इस मामले में अदालत में 22 जनवरी को दोनों पक्षों की बहस होगी। शनिवार को अदालत में आरोपी छात्र की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। यहां दोनों पक्षों के अधिवक्तओं की बहस हुई।
आरोपी छात्र के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सीबीआई को आरोपी के गिरफ्तार होने के 30 दिनों के भीतर अदालत में चालान पेश करना चाहिए था, लेकिन सीबीआई ने ऐसा नहीं किया है।
अधिवक्ता ने जुवेनाइल जस्टिस स्पेशल एक्ट के (के) रुल्स का हवाला देते हुए कहा कि इस रुल्स में प्रावधान है कि आरोपी के खिलाफ एक माह के भीतर चालान पेश करना होगा, लेकिन सीबीआई ने ऐसा नहीं किया है तो अदालत को नाबालिग आरोपी की जमानत याचिका स्वीकार कर उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश देने चाहिए।
उधर, बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने इन दलीलों का विरोध करते हुए सीबीआई व मृतक प्रद्युम्न के पिता वरुण चंद ठाकुर के अधिवक्ता ने अदालत से आग्रह किया कि आरोपी के ऊपर जो आरोप हैं, वे जघन्य अपराध की श्रेणी में आते हैं।
सीबीआई के अधिवक्ता ने अदालत में अपनी दलीलें देते हुए कहा कि जुवेनाइल के मामले में भी अदालत में 90 दिन के भीतर चालान पेश करने का प्रावधान है। दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका पर 8 जनवरी के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत ने दो अन्य उक्त याचिकाओं पर बहस के लिए 22 जनवरी की तारीख निश्चित की है।