33 वर्षीय जद (एस) सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना पार्टी के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं। सोशल मीडिया के जरिए अश्लील वीडियो सामने आने के बाद वे महिलाओं के यौन शोषण के आरोप का सामना कर रहे हैं। कर्नाटक में अश्लील वीडियो कांड ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है और सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा-जद(एस) आपस में भिड़ गए हैं।
कर्नाटक सरकार ने यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे जद (एस) के सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना मामले की जांच सीबीआई से कराने से इनकार कर दिया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को कहा कि उन्हें राज्य पुलिस की विशेष जांच टीम पर भरोसा है, जो मामले क जांच कर रही है। उन्होंने यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे प्रज्ज्वल रेवन्ना मामले की जांच सीबीआई से कराने से इनकार कर दिया है।
उन्होंने ऐसी मांग करने के भाजपा के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाते हुए विपक्षी दल से पूछा कि उसे पुलिस पर भरोसा क्यों नहीं है? उन्होंने “निष्पक्ष जांच” कर रही एसआईटी के बारे में लोगों के मन में भ्रम पैदा करने के उद्देश्य से भ्रामक बयान देने के लिए भगवा पार्टी पर भी निशाना साधा। सिद्धारमैया ने भाजपा द्वारा सीबीआई जांच की मांग करने पर एक सवाल के जवाब में कहा, “हम अपनी पुलिस (एसआईटी) से जांच करा रहे हैं, हमें अपनी पुलिस पर भरोसा है। वे कुशल हैं।”
यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि भाजपा ने एक बार सीबीआई को ‘भ्रष्टाचार जांच ब्यूरो’ कहा था, और कांग्रेस की बार-बार मांग के बावजूद सत्ता में रहते हुए पार्टी ने कभी भी केंद्रीय एजेंसी को एक भी मामला नहीं सौंपा।
उन्होंने आगे कहा, “ऐसा नहीं है कि मुझे सीबीआई पर भरोसा नहीं है, जिन मामलों को सौंपने की जरूरत है, उन्हें दिया जाएगा। जब मैं पहले मुख्यमंत्री था, तो मैंने सात मामले सीबीआई को दिए थे, लेकिन एक मामले में भी जांच निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा और ना ही किसी को सजा मिली।” उन्होंने कहा, “इसका मतलब यह नहीं कि मुझे सीबीआई पर भरोसा नहीं है… एसआईटी भी सीबीआई की तरह एक जांच एजेंसी है, हम अपनी पुलिस से जांच कराएंगे।”
बता दें कि 33 वर्षीय जद (एस) सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना पार्टी के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं। सोशल मीडिया के जरिए अश्लील वीडियो सामने आने के बाद वे महिलाओं के यौन शोषण के आरोप का सामना कर रहे हैं। कर्नाटक में अश्लील वीडियो कांड ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है और सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा-जद(एस) आपस में भिड़ गए हैं।
वहीं, कांग्रेस सरकार ने मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। भाजपा और जद (एस) – एनडीए सहयोगियों – ने मांग की है कि इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाए और अश्लील वीडियो कांड के पीछे के लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा का काम झूठे आरोप लगाना है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता देवराजे गौड़ा को सत्तारूढ़ कांग्रेस और उसके नेताओं को बचाने के लिए गिरफ्तार किया गया था, जो कथित तौर पर अश्लील वीडियो कांड के पीछे हैं।
उन्होंने कहा, “देवराजे गौड़ा को महिला के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया है, एक शिकायत 1 अप्रैल को दर्ज की गई थी। हम पुलिस (एसआईटी) की जांच में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। पुलिस को पूरी आजादी दी गई है, यह उनका कर्तव्य है ताकि जांच हो सके और दोषियों को सजा मिल सके।
मामले के संबंध में कांग्रेस सरकार पर भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ “विच हंट” का आरोप लगाने वाले केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के कथित बयान पर एक सवाल के जवाब में सिद्धारमैया ने कहा, “प्रल्हाद जोशी एक केंद्रीय मंत्री हैं और उन्हें जिम्मेदारी से बोलना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “भाजपा नेता झूठ बोलने में माहिर हैं, वे केवल झूठे आरोप लगाते हैं।” उन्होंने कहा कि एसआईटी निष्पक्ष जांच कर रही है, लोगों को गुमराह करने और उनके मन में भ्रम पैदा करने के लिए जानबूझकर ऐसे बयान दिये जा रहे हैं।