पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ चरणबद्ध ढंग से तनाव घटाने पर भारत और चीन के बीच सहमति के बाद भी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अप्रैल से पहले की स्थिति वाली पोजीशन्स पर नहीं लौटी है. खास तौर पर पैंगॉन्ग झील क्षेत्र में. गूगल अर्थ की ताजा हाई रिजोल्यूशन तस्वीरें इस क्षेत्र की स्थिति को लेकर बेहतर समझ देती हैं.
यह तस्वीरें फिंगर 4 और फिंगर 8 से थोड़ी पार को लेकर PLA के 1998 से पहले के बेस रिमुथांग तक का पूरा क्षेत्र कवर करती हैं. रिमुथांग भारतीय क्लेम लाइन के पूर्व में स्थित है.
चीनी सेना PLA ने भौगोलिक और सामरिक बढ़त हासिल करने के लिए 1998 के बाद से भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ शुरू कर दी.
मीडिया टीम ने इस क्षेत्र की स्वतंत्र रूप से उपलब्ध सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से PLA गतिविधियों की जांच की. फिंगर 4 रिजलाइन के क्षेत्रों को इससे अलग रखा गया, क्योंकि उन्हें पहले कवर किया जा चुका है.
गूगल अर्थ की पोस्ट की गई ताजा हाई रिजोल्यूशन तस्वीरों के आधार पर इंडिया टुडे ने बड़ी तैनाती को रिपोर्ट किया. हालांकि, फिंगर 4 से फिंगर 8 तक और उसके पार के बडे़ क्षेत्र की पट्टी को पहले उपलब्ध कराई गई प्लैनेट लैब्स की सैटेलाइट तस्वीरों में कवर नहीं किया गया था. ताजा तस्वीरों में उसे कवर किया गया है.
इससे मौजूदा स्थिति को सारे पहलुओं के साथ पढ़ा जा सकता है. साथ ही समग्र मूल्यांकन करना संभव है. नई तस्वीरों से मेन हेडक्वार्टर, तीन आर्टिलरी गन पोजिशन्स, एक एयर डिफेंस बैटरी, एक छोटे अस्पताल के साथ सिग्नल्स और इंजीनियरिंग तैनाती को लेकर अंदर की झलक मिलती है.
स्पंगुर त्सो क्षेत्र में छद्म आड़ के तहत कुछ टेंट देखे जा सकते हैं. यह अपेक्षित है लेकिन अलार्म वाली बात नहीं है. इस पूरे क्षेत्र में संयुक्त हथियार ब्रिगेड की ताकत 10 से 20 हजार से ज्यादा नहीं हो सकती.
हाई रिज़ॉल्यूशन वाली नई सैटेलाइट तस्वीरों से PLA के रिमुथांग बेस का विस्तृत अध्ययन करने का मौका मिलता है. ये बेस उस वक्त के समझौतों के आधार पर चीन ने भारतीय क्लेम लाइन के पूर्व में बनाया था.
इस बेस में मुख्य तौर पर एक कम्पनी लेवल पोस्ट और PLA ग्राउंड फोर्स (PLAGF) की ओर से संचालित नौसैनिक अड्डा है. पिछले दो दशकों में चीन ने आकार और उपकरणों के लिहाज से इस पोस्ट को मजबूत बनाया है. नई बोट्स को जोड़ा गया है और पुरानी बोट्स की या तो मरम्मत की गई है या उन्हें कार्य से बाहर कर दिया गया है.
तस्वीरों में तट पर आठ बोट्स खड़ी दिखती हैं. बोट्स को पानी से बाहर खींचने के लिए एक शिप लिफ्ट क्रेन है. ऐसा विशेष रूप से सर्दियों के दौरान किया जाता है या जब बोट्स की मरम्मत की जरूरत पड़ती है.
तस्वीर में दो बड़े रिपेयर हैंगर देखे जा सकते हैं जिनमें से एक निर्माणाधीन है. यहां बोट्स के लिए तीन बाड़े हैं. नए हैंगर में बाड़ों की मौजूदगी ये संकेत देती है कि यह खराब बोट्स के लिए असेम्बली यार्ड हो सकता है.
हाल की तस्वीरें ऐसी कुछ आश्चर्यजनक डिटेल्स दिखाती हैं जो सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से पहले नहीं देखी गई थीं. फिंगर 8 में मुख्य तैनाती में एक हेडक्वार्टर, इसका साज-सामान, एक मल्टी बैरल रॉकेट लांचर (MBRL) बैटरी और छोटी मोटी सर्जरी के लिए एक उन्नत मिनी ड्रेसिंग स्टेशन ऑब्जर्व किया जा सकता है.
हेडक्वार्टर एक ऑपरेशन रूम को इंगित करता है; सिग्नल्स और इंजीनियर टुकड़ी के साथ स्टाफ टेंट देखे जा सकते हैं. डोजर्स और बड़ी क्रेनों समेत कई अर्थ-मूविंग इक्विपमेंट्स के भी यहां होने का पता चलता है.
यहां संभवत: 300 मिमी PHL-03 MBRL सिस्टम की बैट्री भी देखी जा सकती है जो BM-30 SMERCH का घरेलू संस्करण है.
यहां मोबाइल सर्जिकल यूनिट के साथ छोटा अस्पताल और रिसेप्शन के लिए 5X9 मीटर वाला टेंट मौजूद है. जहां प्री-ऑप और पोस्ट-ऑप ट्रीटमेंट हो सकता है. फिंगर 8 क्षेत्र में संभवत: 57MM टाइप 59 बंदूकों के साथ एयर डिफेंस बैट्री देखी जा सकती है.
2004 में किसी समय निर्मित इस PLA पोस्ट को लगातार मजबूत करने के साथ उपकरणों में विस्तार किया जा रहा है. 2014 में, एक अतिरिक्त रडार और एक वॉच टॉवर यहां जोड़ा गया था. पोस्ट पर अब पांच बोट्स के साथ एक तटबंध है.
प्री-फैब्रिकेटेड हट्स (झोपड़ियों) की एक छोटी सी लाइन इस पोस्ट के बहुत करीब देखी जा सकती है. इन्हें संभवत: झील के पास लंबे स्टे और सर्दियों के प्रतिकूल मौसम में खुद को बचाए रखने के लिए बनाया गया है.
40 प्रीफैब्रिकेटेड हट्स और 10 टेंट्स के साथ झील के साथ फिंगर 5 के पूर्व में नया नौसैनिक बेस बनाया गया है जिसे PLAGF की ओर से संचालित किया जाता है. यहां संभवत फोम भरी प्लास्टिक से बने तीन खंभों वाली युक्ति देखी जा सकती है जो कि किसी भी स्थिति में त्वरित तैनाती के लिए है.
चीन इस अधिक ऊंचाई और ठंडी आबोहवा में अपने नए उपकरणों के ट्रायल के लिए नए मौके तलाश रहा है.
चीनी PLA को पैंगॉन्ग झील क्षेत्र में नए हथकंडे अपनाने की कोशिश करते हुए देखा गया है. पहाड़ों में दरारों का इस्तेमाल टेंट्स को छुपा कर तैनाती के लिए किया जा रहा है. हालांकि, सैटेलाइट तस्वीरों का प्रशिक्षित विश्लेषक ऐसी तैनाती आसानी से पकड़ सकता है.
एक और विशिष्ट कामोफ्लाश (छदम आवरण) पैटर्न वाहनों को क्रमबद्ध ढंग से पार्क किए जाने में दिखा. जाता है. इन्हें लाल कवर से इस तरह ढका गया है कि सिर्फ एक वाहन का ड्राइवर केबिन ही दिखाई दे.
एक नौसिखिया विश्लेषक इसे दोगुनी लंबाई वाले एक वाहन के तौर पर पिक कर सकता है और तैनाती को लेकर गलत अंदाज लगा सकता है.
चीनी PLA खुद को पैंगॉन्ग त्सो क्षेत्र में लंबे समय तक रुकने के लिए तैयार करती प्रतीत होती है. PLA ग्राउंड फोर्स (PLAGF) को अप्रैल से पहले की स्थिति में जल्द से जल्द लौटना सुनिश्चित करने के लिए सैन्य स्तर पर होने वाली वार्ता में भारतीय सेना को दबाव बढ़ाने की जरूरत है. क्षेत्र में सर्दियों में भारतीय सैनिकों की तैनाती को टालने के लिए ऐसा किए जाना आवश्यक है.