वित्त मंत्रलय पेट्रोल और डीजल पर टैक्स घटाने के बारे में विचार कर रहा है, ताकि आम ग्राहकों पर बोझ घटाया जा सके। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इस विमर्श में शामिल सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है। ईधन की बढ़ती कीमतों से आम जनता पर बोझ बढ़ रहा है। ऐसे में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, वहां पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमत भी मुद्दा बन सकती है।
सूत्रों का कहना है कि वित्त मंत्रलय ने कुछ राज्यों, पेट्रोलियम मंत्रलय और तेल कंपनियों से बातचीत शुरू की है, ताकि राजस्व पर बड़ा बोझ डाले बगैर ईंधन के दामों में कमी की जा सके। पिछले 10 महीनों में कच्चे तेल का दाम दोगुना हो गया है, जिसका सीधा असर पेट्रोल-डीजल के भाव पर दिख रहा है। पिछले एक वर्ष में सरकार पेट्रोल और डीजल पर दो बार टैक्स बढ़ा चुकी है।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगभग 60 फीसद हिस्सा टैक्सेज का है। भारत में करीब 36 रुपये लीटर की लागत में आने वाला पेट्रोल दिल्ली में 91 रुपये के आसपास बिक रहा है यानी इसमें करीब 55 रुपये का टैक्स जोड़ा गया है।
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार उन तरीकों पर विचार कर रही हैं, जिनमें कीमतों को स्थिर रखा जा सके। मार्च के मध्य तक इस पर फैसला हो सकता है। सरकार चाहती है कि टैक्स में कटौती करने से पहले तेल की कीमतें स्थिर हो जाएं, ताकि उसे टैक्स स्ट्रक्चर में बदलने के लिए मजबूर न होना पड़े।
वहीं, आज लगातार तीसरा दिन है जब पेट्रोल और डीजल की कीमतें में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल और डीजल अपने सबसे उच्चतम स्तर पर है। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 91.17 रुपये जबकि डीजल का दाम 81.47 रुपये पहुंच गया है। मुंबई की बात करें तो वहां पेट्रोल की कीमत 97.57 रुपये और डीजल की कीमत 88.60 रुपये प्रति लीटर है।
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