हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। खट्टर सरकार उनके खिलाफ भूमि अधिग्रहण के दो और मामलों की जांच भी सीबीआई से कराएगी। हुड्डा पहले से तीन सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में शून्यकाल के दौरान रोहतक के उदार गगन मामले व सोनीपत के तीन गांवों केभूमि अधिग्रहण की जांच भी सीबीआई को सौंपने का खुलासा किया।
सीएम ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सदन में छाती ठोककर कहा था कि एक भी इंच जमीन का गलत अधिग्रहण उन्होंने नहीं किया। हुड्डा अब हिम्मत रखें और यह न कहे कि राजनीतिक द्वेष के चलते ऐसा हुआ है। मनोहर लाल ने पूर्व सीएम हुड्डा पर तंज कसा कि ‘ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे कांग्रेस ने ठगा नहीं। और तो और रोहतक वालों को भी नहीं छोड़ा’। सीएम के अनुसार केंद्रीय जांच एजेंसी के जांच करने पर भूमि अधिग्रहण के मामलों में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
सीएम के दोनों भूमि अधिग्रहण की जांच सीबीआई को सौंपने पर कांग्रेस ने सदन में हंगामा किया और इसे बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया। सीएम के साथ कांग्रेस विधायकों करण दलाल, कुलदीप शर्मा, जयबीर वाल्मीकि और शकुंतला खटक की नोकझोंक भी हुई। सीएम के साथ मंत्री और विधायक सदन में एकजुट होकर खड़े रहे और कांग्रेस की नारेबाजी व हंगामे का जवाब नारेबाजी से दिया।
ये हैं भूमि अधिग्रहण के दोनों मामले
रोहतक के उदार गगन मामले में सर्वोच्च न्यायालय भी टिप्पणी कर चुका है। रोहतक में पौने पांच सौ एकड़ भूमि का अधिग्रहण पूर्व हुड्डा सरकार में हुआ था। दिल्ली-रोहतक हाईवे पर सेक्टर-27 व 28 में आईएमटी के सामने यह भूमि उपलब्ध है। इसके अधिग्रहण में अनियमितताएं बरतने के आरोप हैं। इनेलो ने विधानसभा चुनाव से पूर्व राज्यपाल को सौंपी अपनी चार्जशीट में भी इसका जिक्र किया था।
. सोनीपत के तीन गांवों नांगल, अटेरना और सेरसा की जमीन अधिग्रहण का मामला भी सीबीआई को जांच के लिए दिया गया है। इन गांवों की 885 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना था। सेक्शन-4 और सेक्शन-6 के बीच में जमीन को छोड़ा जा सकता है, लेकिन सेक्शन-6 होने के बाद सरकार को पूरी जमीन का अधिग्रहण करना होता है। पूर्व सरकार के समय लगभग 650 एकड़ भूमि क्यों छोड़ी गई, यह मामला सीबीआई को जांच के लिए सौंपा है।
सीबीआई जांच के आधार पर आगामी कार्रवाई
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि दोनों मामलों में सीबीआई जांच के बाद जो सिफारिश करेगी उसी अनुसार आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जो कोई भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
ढींगरा आयोग की रिपोर्ट पर दो महीने में कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री ने रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील मामले में गठित ढींगरा आयोग की रिपोर्ट के संबंध में कहा कि हाईकोर्ट में हरियाणा के महाधिवक्ता ने रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करने की अंडरटेकिंग दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को दो महीने में इस मामले को निपटाने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट में जिन-जिन बातों की सिफारिश होगी, उसी अनुसार कार्रवाई करेंगे।
इन मामलों में सीबीआई जांच का सामना कर रहे हुड्डा
. नेशनल हेराल्ड के स्वामित्व वाली कंपनी एजेएल को प्लॉट आवंटन
. हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पंचकूला का प्लॉट आवंटन
. मानेसर भूमि घोटाला