भ्रष्टाचार के लिए बदनाम रहे सिंचाई विभाग में सरकार के ढाई साल बीतने के बाद अतिरिक्त प्रभार आवंटन के मामले ने खलबली मचा दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ द्वारा इस्तीफा लिए जाने से पहले जाते-जाते निवर्तमान सिंचाई मंत्री छह अधिशासी अभियंताओं को अतिरिक्त प्रभार दे गए।
कारनामा उजागर होने के बाद नए विभागीय मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने प्रकरण पर अफसरों के साथ बैठक की। साथ ही कार्रवाई के लिए रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज दी गई है।
इसके बाद कार्यप्रणाली को लेकर मंत्री डॉ. सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक की। इस मामले को लेकर आला अधिकारियों के साथ अलग से चर्चा की। मगर, आदेश निरस्त करने संबंधी निर्णय लेने की बजाए रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दी गई है। सीएम के स्तर से कार्रवाई हुई तो इसमें कई बड़े अधिकारियों की गर्दन भी फंस सकती है।
इन अभियंताओं को सौंपा गया अतिरिक्त प्रभार
अधिशासी अभियंता सरयू नहर खंड झांसी सुंदरलाल वर्मा को ड्रेनेज खंड-2 खलीलाबाद, अधिशासी अभियंता वाल्मी संगठन नरेंद्र कुमार यादव को बाण सागर नहर निर्माण खंड-8 मिर्जापुर, अधिशासी अभियंता स्टाफ अधिकारी अनुश्रवण गोरखपुर अजय कुमार चौधरी को शारदा सहायक खंड-23 आजमगढ़, अधिशासी अभियंता अनुसंधान एवं नियोजन खंड वाराणसी सुशील यादव को सिरसी बांध प्रखंड मिर्जापुर और मुख्य अभियंता से संबद्ध गोंडा के अधिशासी अभियंता अखिलेश कुमार को चित्तौड़गढ़ बांध निर्माण खंड बलरामपुर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया। एक और अन्य अभियंता को प्रभार की चर्चा है।