पूर्व सांसद अतीक अहमद का पिस्टल और रायफल का लाइसेंस तो निरस्त कर दिया गया, लेकिन तीन साल बाद भी पिस्टल और रायफल जमा होने को लेकर कोई जानकारी पुलिस के पास नहीं है। मामले में नोटिस दिए जाने के बाद भी कोई जवाब न मिलने पर पुलिस मानकर चल रही है कि शस्त्र जमा नहीं किए गए। अब मामले में छानबीन शुरू कर दी गई है।
पिस्टल और रायफल लाइसेंस 21 दिसंबर 2016 को ही हो गए थे निरस्त
खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के चकिया निवासी अतीक अहमद के दोनों लाइसेंस 21 दिसंबर 2016 को निरस्त किए गए थे। पुलिस थाने या असलहा दुकान में पिस्टल व रायफल जामा करने की जानकारी देने के लिए खुल्दाबाद पुलिस ने कई बार निर्देश दिए, कुछ दिन पहले नोटिस भी दिया गया, लेकिन अतीक की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई। पुलिस मानकर चल रही है कि अगर दुकान पर असलहा जमा होता तो वहां से मिली रसीद थाने पर दी जानी चाहिए थी। न दिए जाने से साफ है कि दोनों असलहे जमा नहीं किए गए।
पिस्टल और रायफल के बारे में जानकारी न मिलने पर होगी एफआइआर
पुलिस यह भी खंगाल रही है कि अतीक अहमद की ओर से नोटिस का जवाब दिया गया था कि नहीं। साथ ही जिस दुकान से कारतूस खरीदे जाते थे, वहां से भी जानकारी जुटाई जा रही है। इंस्पेक्टर खुल्दाबाद विनीत सिंह का कहना है कि असलहों के बारे में पता लगाया जा रहा है। सत्यापन में पिस्टल और रायफल के बारे में जानकारी नहीं मिलने पर मुकदमा लिखकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। पूर्व सांसद अतीक अहमद इस वक्त गुजरात की जेल में बंद हैं।
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