रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि वह जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की हिरासत से जल्द रिहाई की प्रार्थना करते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों नेता कश्मीर में सामान्य परिस्थिति को बहाल करने में मदद करेंगे। उन्होंने ये बातें एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू के दौरान कहीं।

दर्जनभर से ज्यादा राजनेता जिसमें राज्य के तीन मुख्यमंत्री- नेशनल कांफ्रेस के फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती को निवारक नजरबंदी में रखा गया है। उन्हें केंद्र सरकार के जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के बाद से एहतियातन हिरासत में रखा गया था।
अबतक बेशक कई राजनेताओं का रिहा किया जा चुका है लेकिन इन तीनों मुख्यमंत्रियों और दर्जनभर राजनेताओं को हिरासत में ही रखा गया है। फारुक अब्दुल्ला पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को भी इसी कानून के तहत हिरासत में लिया गया है।
एक न्यूज एजेंसी को शनिवार को दिए इंटरव्यू में राजनाथ ने कहा, ‘कश्मीर में सब शांतिपूर्ण है। वहां परिस्थिति में जल्द सुधार हो रहा है। सुधार के साथ-साथ इन फैसलों (नजरबंदी से राजनेताओं की रिहाई) को भी अंतिम रूप दिया जाएगा। सरकार ने किसी को भी पीड़ित नहीं किया है।’
सरकार के फैसले का बचाव करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ फैसले कश्मीर के हित को ध्यान में रखते हुए लिए गए थे। सभी को इसका स्वागत करना चाहिए।
सिंह ने कहा कि मैं अब्दुल्ला और मुफ्ती की नजरबंदी से रिहाई की प्रार्थना करता हूं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, मैं यह भी प्रार्थना करता हूं कि एक बार जब वे बाहर आएं तो वे काम करें और कश्मीर में स्थिति को सुधारने की दिशा में योगदान दें।
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