शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन को पूर्णिमा कहते हैं. पूर्णिमा के दिन सूर्य और चंद्र की गति व कला की गणना करके वर्ष को ज्ञात किया जाता हैं. किसी भी मास की पूर्णिमा को प्रातःकाल नदी,ताल या पवित्र सरोवर में स्नान करके भगवान की पूजा-अर्चना करने से पूर्णिमा के व्रत का फल प्राप्त होता हैं. भारतीय जनजीवन में पूर्णिमा का बहुत महत्त्व होता हैं. इस दिन किये गए दान का बहुत शुभ फल प्राप्त होता हैं . यदि आप किसी आर्थिक समस्या से पीड़ित हैं तो इस उपाय को करके आप अपनी समस्या का समाधान पा
सकते हैं.
चावल का दान : पूर्णिमा के दिन किसी भी शिव मंदिर में सवा किलो अखंडित चावल(पूर्ण चावल) लेकर जाइए . विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा कीजिये तथा अपने दोनों हाथो को जोड़कर जितना चावल अंजुरी में आये वो शिव जी पर चढ़ाइये और प्रार्थना करके बचे हुए चावल को वहाँ के पुजारी को या किसी जरूरतमंद को दान दे दीजिये .
आपको इस उपाय को किसी भी पूर्णिमा से शुरू करना चाहिए इसको करने से आर्थिक अड़चनों/संकटों से राहत मिलती हैं.भगवान शिव की कृपा मिलती हैं साथ ही घर में लक्ष्मी का वास रहता हैं तथा कार्य क्षेत्र में वृद्धि होती हैं.
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