कानपुर में दबिश के दौरान बदमाशों की गोलीबारी में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा है कि अधिकारी वहां पहुंच गए हैं. पुलिस टीमें बदमाशों की तलाश में हैं.
उन्होंने कहा कि दबिश देने के लिए मजबूत टीम भेजी गई थी. बदमाशों को पुलिस के मूवमेंट की जानकारी थी, क्या यह इंटेलिजेंस फेल्योर है? इस सवाल पर डीजीपी ने कहा कि ऐसा कहना अभी जल्दबाजी होगी.
उन्होंने घटना को लेकर कहा कि बिठूर गांव के विकास दुबे के खिलाफ 60 मामले दर्ज थे. इसने किसी को जान से मारने की सूचना दी, जिस पर पुलिस पार्टी रात को बिठूर गई थी.
टीम का नेतृत्व सीओ कर रहे थे. डीजीपी ने बताया कि रास्ते में एक जेसीबी मशीन खड़ी की गई थी. ऐसा जानबूझकर किया गया था. जब पार्टी ऑपरेशन के लिए उतरी तब बदमाशों ने ऊपर से फायरिंग शुरू कर दी. बदमाश ऊंचाई पर थे.
उन्होंने बताया कि बदमाश पीछे की दीवार फांदकर भाग गए. पुलिस टीम बदमाशों का पीछा कर रही है. डीजीपी ने कहा कि अभी ऑपरेशन चल रहा है.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को मौके पर भेज दिया गया है. एसटीएफ को भी लगाया गया है. उन्होंने कहा कि विकास दुबे हत्या के कई मामलों में आरोपी है. वह फरार चल रहा था. वह हिस्ट्रीशीटर है.
डीजीपी ने कहा कि वहां पर अंधेरा था. फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर भेजा गया है. मौके से खोखे भी मिले हैं. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से किसी सोफिस्टिकेटेड वेपन का उपयोग किया गया है.
एनकाउंटर के संबंध में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि अभी इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. पूरे जनपद में बदमाशों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
गौरतलब है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के आवास पर छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने फायर कर दिया. इस घटना में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं.