पीपीयू की बीएड परीक्षा में छात्रों को वंचित किए जाने के मामले को लेकर छात्रों का प्रतिनिधि मंडल बुधवार को राज्यपाल फागू चौहान से मिला। इसका नेतृत्व एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार ने किया। राज्यपाल ने प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को भी वार्ता में बुलाया। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से कहा कि सभी विद्यार्थियों ने 2018 में एनओयू द्वारा आयोजित सीईटी परीक्षा उतीर्ण किया है।
कॉलेजों में नामांकन के बाद एक साल से अधिक पढ़ाई की है और कॉलेजों को डेढ़ लाख फीस भी अदा किया है। मई 2020 में बीएड के दो वर्षीय पाठ्यक्रम की डिग्री मिलनी थी। इस साल फरवरी में पीपीयू से पंजीयन के बाद विद्यार्थी निश्चिंत हो परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। सात सितंबर को ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरने जब विद्यार्थी पहुंचे तो पता चला कि उनका फॉर्म नहीं भरा जा सकता है क्योंकि उनके पंजीयन को अमान्य कर दिया गया है ।
पीपीयू ने इसकी वजह गैर आवंटित कॉलेजों में दाखिला लेना बताया। पीपीयू ने लगभग 700 विद्यार्थियों को नन अलोटेड बता रोक दिया गया है जबकि ऐसे ही नामांकन लेकर अन्य विवि के लगभग 7000 ने परीक्षा भी दी है।
छात्रों ने कहा कि वर्ष 2018 में एक ही बार काउंसिलिंग हुई थी और 2019-21 सत्र के लिए पांच काउंसिलिंग के बाद स्पॉट नामांकन लेकर सीटें भरी गईं। ऐसे में 2018 के इन छात्रों को वंचित करना सही नहीं है। राजभवन के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने यह भी पूछा कि क्या सभी लोग सीईटी उतीर्ण है? उन्होंने कहा कि दरअसल उन्हें इन विद्यार्थियों को सीईटी अनुत्तीर्ण बताया गया था।
छात्रों ने कहा कि बीएड कॉलेजों में दाखिला लेने वाले ये छात्र सीईटी उतीर्ण हैं। राज्यपाल से प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उनको 25 सितंबर से आयोजित परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया है। छात्रों ने राज्यपाल से विशेष परीक्षा लेने के लिए आग्रह भी किया।
राजभवन ने अधिकारियों को किया तलब
बातचीत के बाद राज्यपाल फागू चौहान ने प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को पीपीयू और एनओयू कुलपति एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को 11 अक्टूबर को राजभवन बातचीत के लिए बुलाया है। मौके पर चार छात्र प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे। प्रधानसचिव ने 11 अक्टूबर को चार बजे शाम में बैठक निर्धारित की है। प्रतिनिधिमंडल में एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार, नेहा कुमारी, पवन कुमार, स्वीटी कुमारी, रौशन गुप्ता, इमरान खान, प्रिया सिंह,सत्यम लाल, मिथिलेश कुमार, मिनी मौजूद थे।