प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 से 10 जुलाई तक रूस और ऑस्ट्रिया की आधिकारिक यात्रा करेंगे। विदेश मंत्रालय की तरफ से ये जानकारी सामने आई है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि रूस की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद, मोदी ऑस्ट्रिया की यात्रा करेंगे, जो 41 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की उस देश की पहली यात्रा होगी।
करीब पांच साल में यह मोदी की पहली रूस यात्रा होगी। रूस की उनकी आखिरी यात्रा 2019 में हुई थी जब उन्होंने सुदूर पूर्व शहर व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया था। पीएम मोदी की मॉस्को और वियना यात्रा उनकी सरकार के तीसरे कार्यकाल में पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। आमतौर पर भारतीय पीएम की पहली विदेश यात्रा पड़ोसी देशों की होती है। फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से यह मोदी की रूस में पहली यात्रा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद मोदी की पहली रूस यात्रा
फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से यह मोदी की मॉस्को की पहली यात्रा होगी। बता दें कि यह 2000 से चल रहे भारतीय और रूसी नेताओं के बीच वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन की तर्ज पर एक स्टैंडअलोन यात्रा होगी।
कैसे हैं भारत और ऑस्ट्रिया के बीच संबंध?
दिसंबर 2021 में अपने अंतिम वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद से ढाई सालों में, मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आपसी संपर्क जारी रखा है। मोदी की रूस यात्रा 13-14 जून को जी7 नेताओं के शिखर सम्मेलन में आउटरीच सत्र के लिए उनकी इटली यात्रा के ठीक बाद हो रही है। हालांकि, वह यूक्रेन पर स्विट्जरलैंड में आयोजित शांति शिखर सम्मेलन में नहीं गए। भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) पवन कपूर ने किया।
हालांकि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच राजनयिक संबंध 10 नवंबर, 1949 को स्थापित हुए थे, इंदिरा गांधी ने 1983 में ऑस्ट्रिया का दौरा किया और तत्कालीन ऑस्ट्रियाई चांसलर ने 1984 में भारत की यात्रा की।
नवंबर 1999 में तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन ने भारत की पहली राजकीय यात्रा ऑस्ट्रिया की की। तत्कालीन ऑस्ट्रियाई राष्ट्रपति हेंज फिशर ने फरवरी 2005 में एक राजकीय यात्रा की। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भी 4-7 अक्टूबर, 2011 में ऑस्ट्रिया की राजकीय यात्रा की।
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