पीएम मोदी की अर्थ विशेषज्ञों के साथ बजट से पहले मुलाकात

विकसित भारत के निर्माण और वैश्विक अनिश्चतता के बीच भारत की विकास गति को कायम रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों से मुलाकात कर उनके साथ विस्तृत चर्चा की। उनके साथ चर्चा में आए सुझाव को अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश होने वाले बजट में शामिल किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत का निर्माण लोगों की मौलिक मनोदशा में बदलाव और मेक इन इंडिया पर फोकस करके ही किया जा सकता है। बैठक में रोजगार सृजन, स्किल डेवलपमेंट, कृषि की उत्पादकता में बढ़ोतरी, निवेश और निर्यात को बढ़ाने जैसे मुद्दे पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।

विकास दर को जारी रखना चुनौती भरा

नीति आयोग के मुताबिक बैठक का आयोजन वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत की विकास गति को कायम रखने के विषय पर किया गया था। अभी यूरोप से लेकर मध्य एशिया में संघर्ष चल रहा है जिससे वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है। ईंधन व खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति में चुनौती से वैश्विक स्तर पर महंगाई बढ़ रही है।

हालांकि भारत पिछले तीन वित्त वर्ष से आठ प्रतिशत की दर से विकास कर रहा है और दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश बना हुआ है, लेकिन चालू वित्त वर्ष और आगामी वित्त वर्ष में भी इस विकास दर को जारी रखना चुनौती भरा हो सकता है। इससे निपटने के लिए बैठक में विस्तृत चर्चा की गई।

बाजार की जरूरतों को लेकर भी पीएम ने की बात

बैठक में युवाओं के लिए सभी सेक्टर में किस प्रकार से रोजगार का सृजन किया जा सकता है और उन्हें बाजार की जरूरतों के हिसाब से कैसे कुशल बनाया जा सकता है जैसे मुद्दों पर चर्चा के साथ गांव में रोजगार के अवसर को बढ़ाने पर भी चर्चा की गई। बैठक में निवेश व निर्यात को बढ़ाने पर भी विस्तार से चर्चा की गई क्योंकि इन दोनों के बगैर देश को विकसित नहीं बनाया जा सकता है।

नीति आयोग में आयोजित इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अर्थशास्त्री सुरजीत सिंह भल्ला, डी.के.जोशी, अशोक गुलाटी, सुदिप्तो मुंडले, जे. सिन्हा, मदन सब्नविस, सौम्य कांति घोष, लवीश भंडारी, रजनी सिन्हा, केशब दास शामिल हुए।

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