भाद्रपद मास की पूर्णिमा 13 सितंबर को है और इसी दिन से पितृ पक्ष की शुरुआत मानी जाती है। 14 सितम्बर की सुबह 8 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद सुबह 8 बजकर 42 मिनट से अश्विन प्रतिपदा की शुरूआत होगी। जिसमें प्रतिपदा का श्राद्ध व तर्पण शुरू होगा।
पंडित वेद प्रकाश शुक्ल के अनुसार यह पखवारा 15 दिनों तक चलेगा। इसकी समाप्ति 28 सितम्बर की रात 12 बजकर 20 मिनट पर होगी। 15 दिन तक चलने वाले पितृ पक्ष के आखिरी दिन अमावस्या को सर्व पितृ विसर्जन किया जाएगा। इस बार शनि अमावश्या भी है इस अमावस्या से सर्व पितृ अमावस्या भी कहते हैं।
वहीं 28 सितम्बर की मध्य रात्रि 12 बजकर 21 मिनट के बाद से शारदीय नवरात्र की शुरूआत होगी। लेकिन 29 सितम्बर की सुबह सूर्योदय अश्विन मास में होगा। इसलिए रविवार की सुबह एकम तिथि को शारदीय नवरात्र की शुरूआत होगी।
पितृ पक्ष शुरू होने में करीब अभी एक सप्ताह का वक्त है। लेकिन इससे पहले आपको कुछ जरूरी बातें जानना आवश्यक हैं जो पितृ पक्ष में वर्जित हैं-
पितृ पक्ष में न करें ये पांच गल्तियां-
1- बाल न कटवाएं –
मान्यता है कि जो लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध या तर्पण करते हों उन्हें पितृ पक्ष में 15 दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए। ऐसा करने से पितृ देव नाराज हो सकते हैं।
2- किसी भिखारी को खाली हाथ न लौटाएं-
कहा जाता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज किसी भी वेष में अपना भाग लेने आ सकते हैं। इसलिए दरवाजे पर कोई भिखारी आए तो इसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। इन दिनों किया गया दान पूर्वजों को तृप्ति देता है।
3- लोहे के बर्तन का इस्तेमाल न करें-
कहा जाता है कि पितृ पक्ष में पीतल या तांबे बर्तन ही पूजा, तर्पण आदि के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। लोहे के बर्तनों की मनाही है। लोहे के बर्तनों को अशुभ माना जाता है।
4- नया समान न खरीदें-
कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दिन भारी होते हैं ऐसे में कोई नया काम या नया समान नहीं खरीदना चाहिए। जैसे कपड़े, वाहन, मकान आदि।
5- दूसरे के अन्न न खाएं-
मान्यता है श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को 15 दिन तक दूसरे के घर का खाना नहीं खाना चाहिए और न ही इस दौरान पान खाना चाहिए।