नई दिल्ली। भारत की जेल में कैद बेटे इरफान को छुड़ाने के लिए पाकिस्तानी पिता मुहम्मद जहूर ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। पिता का कहना है कि इरफान 2007 में समझौता एक्सप्रेस में हुए विस्फोट के दौरान जीवित बच गया था और तभी से अमृतसर की जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट ने जहूर की याचिका मंजूर करते हुए इस संबंध में केंद्र एवं राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
जहूर की ओर से दिल्ली के अशोक रंधावा ने याचिका दाखिल की है। रंधावा “साउथ एशियन फोरम फॉर पीपुल अगेंस्ट टेरर” नाम की संस्था चलाते हैं। रंधावा की जहूर से मुलाकात उस वक्त हुई, जब वह विस्फोट में मारे गए अपने एक मित्र के परिजनों से मिलने पाकिस्तान पहुंचे थे।
लंबी जद्दोजहद के बाद उन्हें पता चला कि इरफान बिना किसी आरोप के अमृतसर की जेल में बंद है। जहूर ने तमाम भारतीय एवं पाकिस्तानी अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली।
इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाने का फैसला किया। याचिका के अनुसार, इरफान 18 फरवरी 2007 को लाहौर की ओर जाने वाली समझौता एक्सप्रेस में सवार हुआ था। इसी दिन ट्रेन में बम विस्फोट हुआ, जिसमें 68 लोग मारे गए और कई घायल हो गए।
मृतकों और घायलों में इरफान की शिनाख्त न हो पाने के बाद उसे लापता करार दे दिया गया था। न्यायमूर्ति एके सिकरी और आरके अग्रवाल की पीठ ने इस मामले में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और पंजाब सरकार से जवाब मांगा है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal