बंगाल के प्रसिद्ध लेखक पार्था चैटर्जी द्वारा अपने लेख में आर्मी चीफ मेजर जनरल बिपिन रावत की तुलना ब्रिटिश जनरल डायर से करने के मामले में विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने एक लेख में कश्मीर में मानव ढाल वाली घटना के संदर्भ में जनरल रावत की तुलना डायर से कर दी है. जब इस बारे में उनका पक्ष लेने की कोशिश की तो वे अपनी बात पर अड़े नजर आए. उन्होंने कहा, मैं जो कहना चाहता था वो मैं कह चुका हूं. मैंने अपने तर्क जितना हो सकता था उतने स्पष्ट तरीके से लिखे हैं. अब मेरे पास इसमें और अधिक जोड़ने को कुछ नहीं है.”
बंगाल के प्रसिद्ध लेखक पार्था चैटर्जी द्वारा आर्मी चीफ मेजर जर्नल रावत की तुलना जर्नल डायर से करने के बाद चैटर्जी की चौतरफा निंदा शुरू हो गई है. हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने आर्मी चीफ की तुलना जर्नल डायर से करने वाले लेखक चैटर्जी पर जम कर भड़ास निकाली. विज ने कहा कि कुछ लोगों में आज भी पाकिस्तान बोलता है, ऐसे लोग पाकिस्तान की तरफदारी करते हैं. विज ने कहा जब आतंकवादी हिंदुस्तान में कहर ढाते हैं तब उनकी कलम की स्याही सूख जाती है और वो कुछ नहीं लिखते. कश्मीर में हमारे सैनिकों पर पथराव होता है तब वह कुछ नहीं लिखते और अगर उनके खिलाफ कार्यवाई की जाए तो यह जहर उगलना शुरू कर देते हैं.
हरियाणा के दबंग मंत्री अनिल विज ने बंगाल के प्रसिद्ध लेखक पार्था चैटर्जी को डिफेक्टिव पीस बताते हुए कहा कि जर्नल डायर के साथ आज के आर्मी चीफ को कम्पेयर करना हेडलेस आदमी का काम है. जर्नल डायर ने मानवता के विरुद्ध अपराध किया था और हमारे आर्मी चीफ मानवता को बचाने का काम कर रहे हैं.
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “पॉर्था चैटर्जी एक लेखक हैं उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए सेना ही है जो बाढ़ आने, रेलवे दुर्घटना और बॉर्डर पर दुश्मनों से लड़ती है. पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर या नोशेरा में दुश्मन के बंकर उड़ा कर हमारी रक्षा करती है. उस सेना अध्यक्ष की तुलना जनरल डायर से करना ठीक नहीं है जिसने महिलाओं, बच्चों की हत्या की थी. जब तक सेना है तभी तक हम सुरक्षित हैं. मेजर गोगोई ने जिस तरह बिना गोली चलाए लोगों की जान बचाई उसके बाद उन पर सवाल उठाने की जगह उनकी तारीफ़ करनी चाहिए. पॉर्था चैटर्जी की ही तरह पी चिदंबरम ने भी मेजर गोगोई पर सवाल उठाए थे ये ठीक नहीं है. अभिव्यक्ति की आजादी में अपनी बात कहने का सबको अधिकार है. लेकिन सेना पर बेवजह सवाल उठाना ठीक नहीं है.”
बीजेपी सांसद आर. के. सिंह ने कहा, “ऐसे व्यक्ति को स्कॉलर मत कहिए. वह गद्दार है. उसको इतिहास की जानकारी नहीं है. जनरल डायर ने मशीन गन चला कर सैकड़ों लोगों की हत्या की थी. आर्मी चीफ और जनरल डायर से तुलना करना ठीक नहीं है. इसका मतलब वह स्कॉलर नहीं है. देखिए यह बात हमें तकलीफ देती हैं. ऐसे लोग हमारे देश के अंदर मौजूद हैं. हमारे सेना के जवान जब अपने प्राणों की आहुति देते हैं तब उनको यह तकलीफ नहीं होती. उनको यह तकलीफ तब होती है जब सेना किसी के ऊपर कारवाई करती है. उपद्रवियों के ऊपर कारवाई करती है. जब एक आर्मी ऑफिसर को जब वह छुट्टी पर गया हुआ था उसको मारा तब उन्होंने उसको कंडेम नहीं किया. यह सब गद्दार लोग हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.”
आर के सिंह ने आगे कहा, “ये लोग गद्दार हैं जब आर्मी के जवान मारे जाते हैं तो यह कमबख्त क्यों नहीं बोला. आर्मी चीफ ने जो किया वह सही किया है. जो मेजर गोगोई ने किया है वह बिल्कुल ठीक किया है. मैं इनके साथ हूं. जनरल डायर से आर्मी चीफ की तुलना जस्टिफिकेशन के लायक नहीं है. कहां तो सैकड़ों लोगों को मारा गया और कहां एक व्यक्ति को जीप पर बांध कर उसको कोई इंजरी भी तो हुई नहीं, थोड़ी मानसिक हरासमेंट हुई होगी. ऐसे व्यक्ति के खिलाफ जो कि पत्थर फेंकता है, उसके खिलाफ तो कार्रवाई होनी चाहिए. उपद्रव जब होता है उस वक्त कार्रवाई करते तो ठीक रहता है. अगर वह उपद्रव शुरू होने के बाद कार्रवाई करते हैं तो ज्यादा लोगों को नुकसान होता है. इस घटना से पत्थर वालों को संदेश मिला. एक प्रभावकारी कार्रवाई थी जिससे पत्थरबाजों को संदेश मिला. पत्थर फेंकने की घटना में कमी आई. एकदम सही कार्रवाई हुई है.”