राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की लड़ाई अब सड़क पर आ गई है. गहलोत कैंप के सूत्रों का कहना है कि पायलट गुट के मुख्य लोगों पर जल्द ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा. यह मुकदमा मानेसर गए कम से कम तीन विधायकों के परिवारवालों की शिकायत पर दर्ज किया जाएगा.
विधायकों के परिवारवालों का आरोप है कि सचिन पायलट गुट ने जबरदस्ती विधायकों को रोका है. उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है. इस शिकायत के आधार पर पायलट गुट के मुख्य मेंबर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. सूत्रों का कहना है कि एफआईआर के जरिए विधायकों पर वापसी का दबाव बनाया जाएगा.
इस बीच सचिन पायलट कैंप के विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि अशोक गहलोत वाकई में जादूगर हैं, जिस तरह से उन्होंने आरोप लगाया कोई जादू से कम नहीं है. मुझ पर इन्होंने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है .पिछली सरकार में बहुजन समाज पार्टी छोड़कर मैं इनके पास आया था, तब इनसे कितना पैसा लिया था, यह बता दें.
मुरारी लाल मीणा ने कहा कि तब यह मेरे बारे में कहते थे कि ऐसा ईमानदार विधायक नहीं देखा और आज कहते हैं कि पैसे से बिक गया. हमारा झगड़ा स्वाभिमान का झगड़ा है. हमारा झगड़ा कांग्रेस के अंदर का झगड़ा है, लेकिन आज हमें उन्होंने नोटिस भेजकर हटाने का काम किया है तो मैं आपको बता दूं कि मैं एमएलए होने का प्रवाह नहीं करता हूं.
बर्खास्त किए गए मंत्री रमेश मीणा ने अशोक गहलोत के पैसे लेने के आरोपों पर कहा कि हमने कैबिनेट में कुछ मांग उठाए थे और लगातार सरकार के अंदर कुछ मांग उठा रहे थे, जो पूरा नहीं हो रहा था. आज हमारे ऊपर यह आरोप लगा रहे हैं तो जब हम बहुजन समाज पार्टी छोड़कर आए थे, तब इनसे कितना पैसा लिया था, यह जनता को बताना चाहिए.
अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए बर्खास्त मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि बीएसपी से कांग्रेस में आने के बाद भी हम विपक्ष में रहे और विधायक के तौर पर कांग्रेस पार्टी के तरफ से काम करते रहे और अब तीसरी बार विधायक बने तो राहुल गांधी ने हमें मंत्री बनाया था.