प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस से निपटने की एक संयुक्त रणनीति का खाका खींचने के लिए रविवार सार्क राष्ट्रों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भारत का नेतृत्व करेंगे। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। यह वीडियो कांफ्रेंस शाम पांच बजे शुरू होगी। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पाकिस्तान ने भी शामिल होने की रजामंदी जाहिर की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग के वास्ते दक्षिण एशियाई संगठन (सार्क) राष्ट्रों द्वारा एक संयुक्त रणनीति तैयार किए जाने का शुक्रवार को प्रस्ताव किया था। इस सुझाव का सभी सदस्य देशों ने समर्थन किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दक्षेस नेताओं के साथ आने से प्रभावकारी नतीजे आएंगे और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में नागरिकों को फायदा होगा। मोदी ने ट्वीट कर कहा, शाम पांच बजे सार्क देशों के नेता से बातचीत के जरिए कोरोना की चुनौती से निपटने का खाका तैयार करने पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि हमारे साथ आने से प्रभावकारी नतीजे आएंगे और हमारे नागरिकों को लाभ मिलेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा, साझा भलाई के लिए एकजुट हो रहे हैं 15 मार्च शाम पांच बजे। मोदी की अपील पर श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और अफगानिस्तान की सरकार ने स्वागत किया था।
हालांकि, पाकिस्तान की ओर से प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य सलाहकार के कांफ्रेंसिंग में शामिल होने को लेकर भी पेच बना हुआ है। सूत्रों ने कहा कि बेहतर होगा कि साझा रणनीति के लिए होने वाली वीडियो कांफ्रेसिंग में समान स्तर का प्रतिनिधित्व हो। सार्क के सभी सदस्य देशों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का स्वागत किया था। सबसे बाद में पाकिस्तान की प्रतिक्रिया सामने आई थी। पाकिस्तान ने भी इसमें शामिल होने की रजामंदी जाहिर की थी।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आयशा सिद्दिकी ने कहा था कि हमने बता दिया है कि स्वास्थ्य पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक जफर मिर्जा सार्क सदस्य देशों की वीडियो कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए उपलब्ध रहेंगे। वायरस के खिलाफ पाकिस्तान के अभियान की अगुवाई मिर्जा कर रहे हैं।