पाकिस्तान एक बार फिर से गुलाम कश्मीर को अपने हिस्से में शामिल होने की कवायद कर रहा है। यह कवायद कहीं न कहीं भारत को जवाब देने की मंशा से की जा रही है।

दरअसल, भारत ने अगस्त में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म कर इसको दो राज्यों में बांटकर दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया था।
इनमें से एक जम्मू कश्मीर तो दूसरा लद्दाख था। इसको लेकर पाकिस्तान बुरी तरह से बौखला गया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के इस फैसले के खिलाफ कई देशों से गुहार लगाई लेकिन, किसी ने भी पाकिस्तान की कोई बात नहीं सुनी।
इतना ही नहीं दुनिया के कई देशों ने स्पष्ट शब्दों में यहां तक कह दिया कि ये भारत का अंदरुणी मामला है, इसमें अन्य किसी देश के दखल देने की जरूरत नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र की आम सभा (UNGA) में भी जब इमरान खान ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था तब भी उसका साथ केवल तुर्की और मलेशिया ने ही दिया था।
वहीं पाकिस्तान के बेहद करीब दोस्त सऊदी अरब और यूएई ने भी इस मुद्दे पर उसका साथ नहीं दिया था। पाकिस्तान की काफी जद्दोजहद के बावजूद इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने भी शुरुआत में इस पर कोई बयान जारी नहीं किया था।
आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि भारतीय संसद में एक प्रस्ताव पारित कर कहा जा चुका है कि गुलाम कश्मीर भारत के जम्मू कश्मीर का अभिन्न अंग हैं।
वहीं पूर्व में जम्मू कश्मीर की विधानसभा में गुलाम कश्मीर की कुछ सीटें थीं। भारत सरकार ने कुछ ही समय पहले जम्मू कश्मीर का एक नया नक्शा भी जारी किया है।
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