पाकिस्‍तान ने दोहा घोषणा पत्र के एक खंड पर अपनी अप्रत्‍यक्ष नाराजी व्‍यक्‍त की: पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी

अमेरिका और तालिबान समझौते के चंद घंटों बाद ही पाकिस्‍तान ने कहा है पाक और अफगानिस्‍तान के द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने के लिए अमेरिका को शामिल करने की जरूरत नहीं है।

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपनी नाराजगी व्‍य‍क्‍त करते हुए कहा कि अफगानिस्‍तान और इस्‍लामाबाद के साथ कोई भी समझौता अमेरिका को शामिल किए बगैर द्विपक्षीय संबंधों के आधार से किया जाना चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए अमेरिकी मध्‍यस्‍थता की कोई जरूरत नहीं है। बता दें कि तालिबान के शांति समझौते के बाद पाकिस्‍तान की यह सुगबुगाहट कहीं न कहीं उसकी अमेरिका के प्रति नाराजगी को दर्शाता है।

दरअसल, पाकिस्‍तान ने दोहा घोषणा पत्र के एक खंड पर अपनी अप्रत्‍यक्ष नाराजी व्‍यक्‍त की है। इस घोषणा के खंड में से एक में यह लिखा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच विचार-विमर्श करने की व्यवस्था के लिए काम करता रहेगा, ताकि एक-दूसरे देश की सुरक्षा खतरे में नहीं पड़े।

बता दें कि काबूल की सरकार पाकिस्‍तान पर यह आरोप लगाती रही है कि तालिबान पाकिस्‍तान में सरकारी शरण पाते रहे हैं। इसको लेकर पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान सरकार में मनमुटाव भी रहा है। इसलिए दोहा समझौते में इसके उल्‍लेख की जरूरत महसूस की गई थी।

पाक विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्‍तान को सीधे बात करनी चाहिए। उन्‍हाेंने कहा अमेरिका तो अफगानिस्‍तान से पूरी तरह से निकलने की योजना बना रहा है, लेकिन हम दोनों पड़ोसी मुल्‍क सदैव रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि अगर मेरे पास अफगानिस्तान के साथ कोई मुद्दा है, तो मैं वाशिंगटन को एक भूमिका निभाने के लिए नहीं कहूंगा।

महमूद कुरैशी ने कहा कि दोहा में अमेरिका और तालिबान समझौता कभी नहीं होता अगर पाकिस्‍तान ने सभी पक्षों को आश्‍वस्‍त नहीं किया होता। पाकिस्‍तान ने इस समझौते के लिए अथक प्रयास किया है।

उन्‍होंने कहा अगर पाकिस्तान ने सभी पक्षों को यह आश्वस्त नहीं किया होता कि अफगानिस्तान में 18 साल के संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं था।

उन्‍होंने कहा पाकिस्‍तान सभी पक्षों को यह मनवाने में सफल रहा कि इस समस्‍या का केवल राजनीतिक समाधान है। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्‍तान ने राजनीतिक समाधान के लिए तालिबान और अमेरिका दोनों को राजी करके इस समझौते को सुगम बनाया।

इससे दोनों पक्षों को आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्‍त हुआ। उन्‍होंने कहा कि हमने तालिबान प्रतिनिधिमंडल को इस समझौते के लिए आश्‍वस्‍त किया।

पाक विदेश मंत्री ने कहा कि तालिबान नेता अब्‍दुल गनी बरादर को आठ साल तक अपनी कस्‍टडी में रखा। गनी ने आतंकवादी समूहों की ओर से दोहा समझौते पर हस्‍ताक्षर किए हैं।

उन्‍होंने कहा कि गनी की गिरफ्तारी के कुछ महीने बाद अमेरिकी अधिकारियों ने इस्‍लामाबाद को अपनी अफगान रणनीति के लिए एक बड़े खतरे के रूप में देखा।

पाकिस्‍तान ने गनी को अफगानिस्‍तान या संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका को नहीं सौंपा। वर्ष 2018 में वह तालिबान की वार्ता टीम का प्रमुख बन गया। गनी ने दोहा में एक साल से अधिक समय तक अमेरिकी वार्ताकारों के साथ बातचीत की।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com