विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक बार फिर दोहराया कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान को बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की जरूरत है।
गुरुवार को रविश कुमार ने कहा कि इस्लामाबाद को बातचीत के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए विश्वसनीय कदम उठाने और अनुकूल परिस्थितियां बनाने की जिम्मेदारी पूरी तरह पाकिस्तान पर निर्भर है। पाकिस्तान को आतंकवाद की आधारभूत संरचना के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है।”
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की तीन दिवसीय यात्रा को लेकर कुमार ने कहा कि वे गृह मंत्री और विदेश मंत्री से मिलेंगे। कुमार ने यह भी बताया कि श्रीलंका के प्रधानमंत्री शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए भी तैयार हैं।
रूस के साथ भारत के एस -400 सौदे के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है और अमेरिका के साथ इसपर अपनी स्थिति साझा कर चुका है। एस -400 सौदा राष्ट्रीय हित के लिए तय किया गया है।
ईरान पर प्रतिबंध से भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में पूछा गया, तो कुमार ने स्पष्ट किया कि हमारी उम्मीदें अमेरिकी पक्ष के लिए जानी जाती हैं। हम सभी हितधारकों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने आगे बताया कि ईरान के साथ भारत के संबंधों का उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है।
राफले सौदे के विवाद के बाद भारत-फ्रांस संबंधों से संबंधित प्रश्नों के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत फ्रांस के साथ बहुत अच्छे संबंध है। राफले सौदे के मुद्दे ने पेरिस के साथ नई दिल्ली के संबंधों को प्रभावित नहीं किया है।