पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर है। चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है। पाकितान का आम चुनाव को लेकर काफी दिनों से उत्सुकता थी कि यह चुनाव कब होगी लेकिन तारीखों के ऐलान के बाद इस पर विराम लग चुका है। अब पाकिस्तानी आम चुनाव एक नई वजह से सुर्खियों में है। इन सुर्खियों के बनने के पीछे का कारण पाकिस्तानी सियासत में एक हिंदू महिला की एंट्री है।
जी हां, आपने सही सुना पाकिस्तान जैसे देश में जहां अल्पसंख्यक समुदाय की हालत से हमसब वाकिफ हैं वहां किसी हिंदू और वह भी महिला का पाकिस्तान की राजनीति में आना कोई छोटी बात नहीं है। इस हिंदू महिला कार्ड को खेलने वाली पार्टी कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टी में से एक पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) है। पाकिस्तान में 16वीं नेशनल असेंबली के सदस्यों के चुनाव के लिए अगले साल 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं।
कौन हैं डॉ. सवीरा प्रकाश
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, पाकिस्तानी-हिंदू डॉ. सवीरा प्रकाश आगामी आम चुनाव में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बुनेर जिले से खड़े होने वाली अल्पसंख्यक समुदाय की पहली महिला उम्मीदवार बनने जा रही हैं। सवीरा प्रकाश ने 2022 में एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। उनके पिता ओम प्रकाश, हाल ही में सेवानिवृत्त डॉक्टर हुए जो पिछले 35 वर्षों से पार्टी के सक्रिय सदस्य थे।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सवीरा प्रकाश ने 23 दिसंबर को PK-25 की सामान्य सीट के लिए अपना नामांकन पत्र जमा कर दिया है। वह वर्तमान में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की महिला विंग की महासचिव के रूप में कार्यरत हैं। पार्टी डॉ. सवीरा प्रकाश पर अपना दाव लगाने को तैयार है।
‘मानवता की सेवा करना मेरे खून में है’
पाकिस्तानी-हिंदू डॉ. सवीरा प्रकाश डॉन को बताया कि उनकी मेडिकल पृष्ठभूमि के कारण “मानवता की सेवा करना मेरे खून में है”। उन्होंने कहा कि एक निर्वाचित विधायक बनने का उनका सपना एक डॉक्टर के रूप में सरकारी अस्पतालों में खराब प्रबंधन और असहायता का अनुभव करने के कारण पैदा हुआ था।
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