राष्ट्रीय खेलों में मेजबान उत्तराखंड ने शानदार प्रदर्शन कर नया कीर्तिमान बनाया है। अंतिम दिन एक स्वर्ण और दो रजत पदक मिलने से राज्य ने पदकों का शतक लगाया। इसमें 24 स्वर्ण, 35 रजत और 42 कांस्य पदक शामिल है।
राज्य खेल फुटबाल और नेटबाल सहित कई खेलों में पहली बार मैदान में उतरे उत्तराखंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय खेलों में छा गए। मॉर्डन पेंटाथलान में राज्य को छह स्वर्ण पदक सहित रिकार्ड 14 पदक मिले। वहीं, नेटबाल, लाॅनबाल एवं कुछ अन्य खेलों में भी खिलाड़ियों ने साबित कर दिया कि मौका मिले तो वह इतिहास रचने को तैयार हैं।
राष्ट्रीय खेलों में खेलने के लिए नेशनल चैंपियनशिप में राज्यों के टॉप आठ में शामिल होने की बाध्यता है। यही वजह है कि राज्य की कई टीमें वर्ष 2023 में गोवा में हुए 37 वें राष्ट्रीय खेल हो या फिर 2022 में गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा नहीं ले पाई। लेकिन उत्तराखंड में पहली बार हुए राष्ट्रीय खेलों में राज्य के मेजबान होने की वजह से फुटबाल, लान टेनिस, लानबाल, नेटबाल, मॉर्डन पेंटाथलान सहित कुछ अन्य खेलों में राज्य की टीम को राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने का मौका मिला। जिसमें फुटबाल टीम ने राज्य को रजत पदक दिलाया।
नेटबाल में राज्य को दो रजत व एक कांस्य पदक मिला, वेटलिफ्टिंग में भी एक कांस्य पदक मिला। लान बाल में राज्य ने स्वर्ण पदक जीता। लाॅनटेनिस में कांस्य और योगासन में एक स्वर्ण, तीन रजत व एक कांस्य पदक जीतकर राज्य के खिलाड़ियों ने साबित कर दिया कि किसी भी राज्य की टीम से कमतर नहीं हैं।
राज्य में विश्व स्तर की अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया गया
उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डीके सिंह बताते हैं कि मेजबान होने की वजह से किसी भी खेल में राज्य के खिलाड़ियों के हिस्सा लेने पर रोक नहीं थी। पहली बार राष्ट्रीय खेलों के मैदान में उतरे खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन की एक वजह यह रही कि राज्य में विश्व स्तर की अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया गया है। खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। सरकार ने जहां उन्हें हर संभव खेल सुविधाएं उपलब्ध कराई, वहीं खिलाड़ियों ने भी बेहतर प्रदर्शन किया।
राष्ट्रीय खेलों के प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती
राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने 103 पदक जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। खेलों के भव्य समापन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्य के विजेता खिलाड़ियों के प्रदर्शन को सराहा, लेकिन राज्य के सामने अब अगले साल होने वाले 39 वें राष्ट्रीय खेलों में इस प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती है। देखना होगा कि घर के बाहर हमारे खिलाड़ी इस प्रदर्शन को दोहरा पाएगा या नहीं।