केरल के पलक्कड़ में छुआछूत का हैरान करने वाला एक मामला सामने आया है। वहां एक सार्वजनिक श्मशान में अनुसूचित जाति की महिला के परिवार को उसका अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया। यह मामला उस समय सामने आया जब मृतका वसंता की रिश्तेदार ने बुधवार को अजा-जजा आयोग से शिकायत की, जिसके बाद पलक्कड़ के कलेक्टर को मामले की जांच कर दो दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है।
कुछ दिनों से बीमार वसंता नामक महिला की पुत्तुर में निधन हो गया। स्वजन घर के पास वन क्षेत्र में अंत्येष्टि के लिए ले गए। लेकिन वन विभाग ने वन भूमि पर अंत्येष्टि करने पर पाबंदी लगा रखी है। इसलिए स्वजन अंत्येष्टि के लिए शव को सार्वजनिक श्मशान ले गए। लेकिन वहां भी पुत्तुर पंचायत द्वारा नियुक्त श्मशान की देखरेख करने वाले वेलुचामी ने ऊंची जातियों के लोगों से डर से वहां अंत्येष्टि करने से रोका। उसने मीडिया से कहा कि वह अनुसूचित जाति की महिला की यहां अंत्येष्टि नहीं होने देगा, क्योंकि ऊंची जाति के लोग उग्र हो जाएंगे।
पुत्तुर पंचायत लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) शासित है और भाकपा नेता ज्योति अनिलकुमार पंचायत अध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि यह पंचायत का श्मशान नहीं है, बल्कि हमने चहारदीवारी बनवाई है जबकि जमीन गौंदर समुदाय की है और वे अनुसूचित जाति के लोगों की अंत्येष्टि की अनुमति नहीं देते हैं।
अजा-जजा मामलों के मंत्री एके बालन ने कहा है कि उन्हें इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी मिली है। अजा-जजा आयोग पहले ही पलक्कड़ कलेक्टर को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दे चुका है। रिपोर्ट आने पर हम जरूरी कार्रवाई करेंगे।