राजेश के पास कई जीरो बैलेंस वाले सैलरी अकाउंट्स हैं। उसने इन खातों को जब खोला था तब उसे विभिन्न शहरों में अपनी जॉब बदलनी पड़ी थी। इन विभिन्न बैंक खातों से एसआईपी और इएमआई आदि जुड़े होने के कारण वह इन खातों को बंद करने में असमर्थ है। अब वह कैसे अपने बैंक खातों की संख्या को कम कर सकता है? क्या राजेश को इतने सारे खातों से कोई लाभ होगा? इस तरह के सवाल हर उस व्यक्ति के दिमाग में आ सकते हें जो अपने कई सारे अकाउंट होने से परेशान है।
ज्यादा बैंक खातों का उपयोग कई लोग अपनी आय को टैक्स से बचाने के लिए करना चाहते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हैं। इस डिजिटल युग में, राजेश के पैन कार्ड से उसके सारे बैंक खाते लिंक हो जाएंगे, जिससे आयकर विभाग कभी भी आपके खातों की जांच कर सकता है। आपको बता दें कि क्रेडिट सूचना ब्यूरो पहले से ही पैन के जरिए सभी बैंकों में अपने ऋण को जोड़ रहा है। इसलिए दो या तीन खातों को छोड़कर राजेश को अपने दूसरे सभी बैंक अकाउंट बंद कर देने चाहिए।
यदि किसी खाते में एक निश्चित अवधि तक कोई गतिविधि नहीं हो, तो बैंक ऐसे खाते को या तो निष्क्रिय कर देते हैं निष्क्रिय के रूप में चिन्हित कर देते हैं। यदि किसी खाते में एकमात्र लेनदेन मौजूदा शेष राशि पर ब्याज का आवधिक क्रेडिट है, तो ऐसे खातों को भी निष्क्रिय माना जाता है। अगर राजेश उस पैसे का उपयोग करना चाहता है, तो उसे उस खाते को फिर से एक्टिव करना पड़ेगा।
राजेश के लिए सबसे सरल उपाय यह है कि उसके पास कोई एक मुख्य परिचालन खाता हो, जिसमें वह अपने सैलरी अकाउंट से पैसा ट्रांसफर कर सके। वह अपने सभी निवेश और भुगतान को इस मुख्य खाते से जोड़ सकता है। जब भी उसकी की नई जॉब लगे तो उसे अपने मुख्य खाते में एक इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर सेट करना होगा। तब वह आसानी से अपने पुराने बैंक खातों को बंद कर सकता है। इससे उसका जीवन बहुत आसान हो जाएगा।