पटियाला में अपनों के विरोध से मुश्किल में कांग्रेस

लोकसभा चुनाव को लेकर पंजाब में कांग्रेस को विरोध देखने को मिला है। पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के सामने वर्करों ने कहा कि वह बाहर से लाए डाॅ. गांधी को न वोट डालेंगे और न ही उनके हक में प्रचार करेंगे।

कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली पटियाला सीट पर इस बार अपनों के विरोध से ही पार्टी बड़ी मुश्किल में नजर आ रही है। पूर्व सांसद डाॅ. धर्मवीर गांधी को टिकट मिलने से नाराज टकसाली कांग्रेसियों ने शनिवार को राजपुरा में बैठक रखी थी। इसमें खुद पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग भाग लेने पहुंचे।

कार्यक्रम के दौरान पूर्व विधायकों हरदियाल सिंह कंबोज, रजिंदर सिंह समेत पूर्व मंत्री लाल सिंह ने पार्टी हाईकमान की ओर से डाॅ. गांधी को टिकट देने के फैसले पर एतराज जताते हुए बड़े सवाल उठाए। इसके बाद समागम की समाप्ति पर बाहर निकले वड़िंग के सामने ही वर्करों ने डाॅ. गांधी के खिलाफ नारेबाजी की।

बड़ी संख्या में जुटे वर्करों ने कहा कि वह बाहर से लाए डाॅ. गांधी को न वोट डालेंगे और न ही उनके हक में प्रचार करेंगे। हालांकि इस मौके पर वड़िंग ने वर्करों को शांत करने की कोशिश भी की, लेकिन वह सभी काफी नाराज दिखाई दे रहे थे। इस मौके पर शुतराणा हलके के पूर्व विधायक निर्मल सिंह, समाना से पूर्व विधायक जगतार सिंह राजला व पंजाब महिला कांग्रेस की प्रधान गुरशरण कौर रंधावा भी पहुंची थीं।

जमकर निकाली भड़ास, कहा-डाॅ. गांधी को ईमानदार बता टिकट देने से उन पर उठे सवाल

इस मौके पर पूर्व विधायक हरदियाल सिंह कंबोज ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने डाॅ. धर्मवीर गांधी को ईमानदार बताकर टिकट दी है। ऐसा करके हाईकमान ने उनके समेत सभी टकसाली कांग्रेसियों की छवि पर सवालिया निशान लगा दिया है। क्या वह सभी बेईमान हैं। साथ ही हाईकमान ने डाॅ. गांधी को टिकट देकर वर्करों के मनों को ठेस पहुंचाई है। उनके मनोबल को गिराया है। जो किसी टकसाली कांग्रेसी को उम्मीदवारी देने की मांग कर रहे थे।

डाॅ. गांधी जैसे बुद्धिजीवी पहले भी आए, मलाई खाकर चलते बनेः रजिंदर सिंह

पूर्व विधायक रजिंदर सिंह ने कहा कि डाॅ. गांधी को एक बड़ा बुद्धिजीवी कहा जाता है। उनके जैसे बुद्धिजीवी पहले भी कई कांग्रेस में आए। वह चाहे मनप्रीत बादल हों या फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह या परनीत कौर। सभी मलाई खाकर चलते बने। यह बुद्धिजीवी केवल उस समय ही कांग्रेस में आते हैं, जब पार्टी च़ड़दी कला में होती है। डाॅ. गांधी ने कांग्रेसी वर्करों पर झूठे पर्चे कराए। अब वह वर्कर कैसे उनके हक में प्रचार कर सकते हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री लाल सिंह ने कहा कि कांग्रेस पर घुसपैठियों का कब्जा होता जा रहा है। जिससे टकसाली कांग्रेसी व वर्कर खुद को नजरअंदाज महसूस कर रहे हैं। यह किसी भी स्थिति में ठीक नहीं है। अगर पार्टी को मजबूत करना है, तो हाईकमान को इस पर विचार करना पड़ेगा।

गिला-शिकवा करना जायज, लेकिन बड़ी लड़ाई के लिए साथ आना जरूरीः वड़िंग

इस मौके पर राजा वड़िंग ने कहा कि टकसाली नेताओं का गिले-शिकवे करना जायज है लेकिन देश, पंजाब व किसानी को मोदी सरकार की गलत नीतियों के हाथों बचाने के लिए कांग्रेस की ओर से शुरू की बड़ी लड़ाई को जीतने के लिए सभी का एक साथ आना जरूरी है। राहुल गांधी ने नाराज नेताओं से खुद बात की है। मल्लिकार्जुन खरगे को भी सारी स्थिति के बारे में पता है इसलिए सभी पार्टी की मजबूती के लिए एकजुट होकर डाॅ. गांधी के हक में प्रचार करें। एक सच्चा राजनेता वही है, जो बिना किसी लालच के सियासत करे।

कांग्रेस में ही रहेंगे, वर्करों को समझाने की होगी कोशिशः कंबोज

हरदियाल सिंह कंबोज ने कहा कि बागी होकर आजाद लड़ने का कोई विचार नहीं है। वर्करों की नाराजगी के बारे में उन्होंने कहा कि यह गुस्सा जायज है, लेकिन वर्करों को समझा कर शांत करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह सालों से पार्टी की निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं और आगे भी कांग्रेस से ही जुड़े रहेंगे।

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