अमेरिका की ओर से भारत को एक बड़ा झटका लगा है। अमेरिका के इस फैसले से भारत-अमरिका के व्यापारिक हित प्रभावित होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि भारत अब वैधानिक पात्रता मानदंडों का पालन नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि इसलिए भारत को अब उन देशों की सूची से बाहर कर दिया जाएगा, जो सामान्य कर मुक्त प्रावधानों का लाभ उठाते रहे हैं। यह लाभ उन खास उत्पादों पर उठाया जाता है, जिनका निर्यात अमेरिका को किया जाता है।
राष्ट्रपति ट्रप ने सोमवार को सीनेट में जानकारी साझा की। कांग्रेस के नेताओं को लिखे पत्र में ट्रंप ने कहा कि वह सामान्य कर मुक्त प्रावधानों के तहत एक लाभार्थी के रूप में भारत के पदनाम को समाप्त कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाना जरूरी था क्योंकि भारत ने अमेरिका को यह आश्वासन नहीं दिया है कि वह भारत के बाजारों में न्यायसंगत और उचित पहुंच प्रदान करेगा। कार्यक्रम के तहत भारत की स्थिति की समीक्षा पिछले वर्ष की गई थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति का यह फैसला भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते में उसके कड़े रुख की ओर संकेत देता है। इसमें जिन भारतीय उत्पादों पर अब अमेरिका में आयात पर ड्यूटी वसूली जाएगी, उनमें ज्यादातर हैंडलूम और कृषि से जुड़े हैं। बता दें कि जीएसपी प्रोगाम प्रोग्राम वर्ष 1970 को शुरू हुआ था, तभी से भारत को इसका लाभ मिल रहा है। खास बात यह है कि भारत इसका सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है। इस फैसले का भारत के व्यापार पर बड़ा असर होगा। दरअलस, यह प्रोग्राम अमेरिका का सबसे बड़ा और अमेरिकी व्यापारिक वरीयता कार्यक्रम है।
इस सूची में शामिल देशों के हजरों उत्पादों को अमेरिका में ड्यूटी फ्री एंट्री की अनुमति देकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लाया गया था। भारत अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सामान में 56 करोड़ रुपये के टैरिफ रियायत का लाभ उठाता है। भारत के साथ-साथ तुर्की का नाम भी इस सूची से बाहर कर दिया गया है। गत वर्ष अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत से आयातित 50 उत्पादों पर शुल्क मुक्त की रियायत खत्म कर दिया था।
क्या है जीएसपी
भारत जीएसपी के तहत सबसे बड़ा लाभार्थी है। जीएसपी दुनिया के विभिन्न मुल्कों से आने वाले हजारों उत्पादों को शुल्क मुक्त प्रवेश की अनुमति देता है। जीएसपी कार्यक्रम कई हजार उत्पादों की सूची में गरीब देशों से शुल्क मुक्त आयात का प्रावधान करता है। इस नीति से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है। गत वर्ष जिन भारतीय उत्पादों की मुक्त आयात की रियायत रद की गई थी, उनमें भारत के 50 उत्पाद शामिल थे।