पंजाब सरकार ने राज्‍य मे संपत्ति की बढ़ा दी रिजस्‍ट्रेशन फीस…

आप यदि शहरी क्षेत्रों में प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं, तो जरा जल्दी करें। प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्रों में प्रॉपर्टी खरीदने पर एक फीसद रजिस्ट्रेशन चार्ज बढ़ा दिया है। आर्थिक संकट से जूझ रही पंजाब सरकार ने 20 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र टैक्स बढ़ाने का बिल पेश किया जाएगा। इस बिल पर मुहर लगते ही पंजाब में प्रॉपर्टी खरीद महंगी हो जाएगी। एक फीसद फीस बढ़ाने से जमा होने वाले फंड का इस्तेमाल शहरी क्षेत्रों में पेयजल की सुविधा लोगों तक पहुंचाने पर किया जाएगा।

तीन साल पहले तीन फीसद टैक्स घटाया था, अब एक फीसद बढ़ा दिया

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। अनुमान है कि एक फीसद रजिस्ट्रेशन टैक्स लगाने से 400 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। पंजाब सरकार को स्टांप ड्यूटी से दिसंबर 2019 तक 1713 करोड़ रुपये रेवेन्यू प्राप्त हुआ है, जबकि उनका वार्षिक अनुमान 2650 करोड़ रुपये था। यह 64 फीसद बनता है।

प्रोफेशनल टैक्स के बाद सरकार ने शहरवासियों पर लादा एक और बोझ

पंजाब सरकार ने प्रॉपर्टी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 2019 में स्टांप ड्यूटी नौ फीसद से घटा कर छह फीसद कर दी थी। महिलाओं को एक फीसद की अतिरिक्त छूट भी दी जा रही है। सरकार के इस फैसले से राजस्व का खासा नुकसान हुआ था। इसके बाद तत्कालीन राजस्व मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने 2019 में स्टांप ड्यूटी बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को लोकसभा चुनाव को देखते हुए टाल दिया गया था। अब 2020 में आकर सरकार ने फैसला ले लिया है। इससे पहले पंजाब सरकार ने इनकम टैक्स देने वाले लोगों पर 200 रुपये प्रति माह प्रोफेशनल टैक्स लगाया था।

क्या होगा

महिलाओं को अभी तक चार फीसद रजिस्ट्रेशन फीस देनी होता थी, जो अब बढ़ कर पांच फीसद हो जाएगी। इसी प्रकार पुरुषों को छह फीसद फीस देनी होता थी जो बढ़ कर सात फीसद हो जाएगी।

इसलिए लिया फैसला….

40 फीसद भूजल नहीं रहा इस्तेमाल योग्य

बिजली के बाद पेयजल पंजाब में बड़ा गंभीर मुद्दा है। वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब का 40 फीसद भूजल इस्तेमाल के लायक ही नहीं बचा है। यह समस्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। सरकार लोगों तक शुद्ध पेयजल नहीं पहुंचा पा रही है। शहरी क्षेत्र में यह समस्या बहुत बड़ी है। एक फीसद टैक्स लगाने से एकत्रित होने वाले राजस्व से जल सप्लाई व वातावरण सुधार के प्रोग्रामों पर खर्च किया जाएगा।

मोहाली मेडिकल कॉलेज का नाम डॉ. अंबेडकर के नाम पर

इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में सरकारी मेडिकल कॉलेज एसएएस नगर (मोहाली) का नाम बदल कर डॉ. बीआर अंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज रखने का फैसला किया है। इस मेडिकल कॉलेज से लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। इसके साथ ही विद्यार्थियों को मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में अपना करियर बनाने का मौका मिलेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 200 बेड की क्षमता वाले जिला/रेफरल अस्पतालों के साथ नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की केंद्र प्रायोजित योजना के अधीन शहीद साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) में 100 एमबीबीएस सीटों वाला मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का फैसला किया था।

राज्य सरकार ने 22 जनवरी, 2020 को जारी नोटिफिकेशन में इस कॉलेज के लिए 994 पद सृजित किए थे। इन पदों को नोटिफिकेशन के जारी होने के पांच सालों के अंदर चरणबद्ध तरीके से भरा जाएगा।

पटियाला व अमृतसर मेडिकल कॉलेजों में 550 नए पदों को मंजूरी

मंत्रिमंडल ने मंगलवार को पटियाला और अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 550 पदों के सृजन को मंजूरी दे दी। इस फैसले से इन संस्थानों के कामकाज को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। नए पदों में तकनीकी प्रकृति के 66 पैरामेडिक्स, नर्सों, टेक्निशियनों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 464 महत्वपूर्ण पद हैं। इसके अलावा वीडीआरएल/एमआरयू लैब परियोजनाओं के 20 पद होंगे।

मंत्रिमंडल ने अपनी पुनर्गठन योजना के तहत पहले से स्वीकृत नौ पदों के पुनरुद्धार के साथ चिकित्सा शिक्षा वअनुसंधान निदेशालय में पांच नए पदों के सृजन व इन्हें भरने की मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने इन मेडिकल कॉलेजों में नर्सों, टेक्निशियनों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के खाली 464 महत्वपूर्ण पदों को पुनर्जीवित करने व भरने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, पटियाला और अमृतसर में वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैबोरेटरी/मल्टी-डिसिप्लनरी रिसर्च यूनिट्स प्रोजेक्ट के लिए 20 पद भी सृजित किए गए हैं।

इस पहल से आम जनता को नवीनतम प्रयोगशाला परीक्षण उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। साथ ही ये मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों के अनुरूप न्यूनतम अपेक्षित शर्तों को पूरा कर सकेंगे, ताकि इन संस्थानों को शोध-उन्मुख बनाया जा सके।

पंजाब सरकार के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी डॉ. केके तलवार की अगुवाई में गठित की गई थी।  इस कमेटी ने मौजूदा कार्यरत मशीनरी और उपकरण, बुनियादी ढांचे का उपयोग करने के लिए इन पदों के निर्माण व पुनरुद्धार की सिफारिश की थी।

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