शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव पर पूरी दुनिया की नजर है, जिसमें मौजूद अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंद्र सिंह धामी सबसे आगे हैं और बाकी उम्मीदवार को कांटे की टक्कर देंगे। एक ओर सुधार लहर है, जिसका नेतृत्व गुरप्रताप सिंह वडाला, बीबी जगीर कौर आदि सहित सामूहिक लीडरशिप कर रही हैं और दूसरी ओर अकाली लीडरशिप ने सारी जिम्मेदारी एडवोकेट धामी पर डाल दी है, जिसे निभा रहे हैं।
जहां विपक्षी गुट सिर्फ अकाली दल के खिलाफ प्रचार कर मैंबरों से वोट मांग रहे हैं, वहीं धामी अपने कार्यों के बारे में बताकर वोट मांग रहे हैं। एडवोकेट धामी परिवारवाद की राजनीति से कोसों दूर हैं। उनके कार्यकाल में सिख संघर्ष के शहीद सिंहों की तस्वीरें केंद्रीय सिख अजायब में लगाई गईं। उन्होंने हमेशा पंथ की बात की और पंथ के लिए विरोधियों से लड़ते हैं।
शिरोमणि कमेटी के जनरल हाऊस में 170 मैंबर सीधे तौर पर चुनकर आते हैं। 15 मैंबर देश के विभिन्न हिस्सों से नामित होते हैं। तख्त साहिबान के जत्थेदार व श्री दरबार साहिब के हैड ग्रंथी हाऊस के मैंबर होते हैं पर वोट नहीं डालते। मौजूदा हाऊस के कुल जीवित सदस्य लगभग 148 हैं।
2 सदस्य करनैल सिंह पंजोली व हरदेव सिंह रोगला इस बार मतदान नहीं कर सकेंगे। बाकी 146 सदस्यों में करीब 6 सदस्य विदेश में हैं। बचे 140 सदस्य मतदान करेंगे। 2022 के चुनाव एडवोकेट धामी को 104 वोटें मिली थीं, जबकि विपक्षी बीबी जागीर कौर को 45 वोटें मिली थीं। इस बार उम्मीद है कि बीबी गुट को करीब 50 से 55 वोटें मिल सकती हैं और एडवोकेट धामी 85 से 90 के आसपास वोटें ले सकते हैं।
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