पंजाब विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन भारी हंगामेदार रहा। कांग्रेस ने पंजाब सरकार को किसान शुभकरण सिंह मामले में जमकर घेरा। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित अपना पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ सके। उधर, किसानों ने तीन मार्च को अपनी नई रणनीति के एलान करने की बात कही।
पंजाब विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद दोपहर के समय दोबारा हाउस बुलाया गया। इस दौरान विधानसभा स्पीकर की अध्यक्षता में किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसान शुभकरण सिंह समेत नौ लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इस बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर अब भी डटे किसान संगठनों ने कहा कि तीन मार्च को शहीद शुभकरण के अंतिम भोग के बाद वह दिल्ली कूच को लेकर अगले फैसले की घोषणा करेंगे।
बता दें 21 फरवरी को शुभकरण सिंह की खनौरी बॉर्डर पर गोली लगने की वजह से मौत हो गई थी। तीन मार्च को बठिंडा के गांव बल्लोह में अनाज मंडी में अंतिम भोग होगा। अंतिम भोग के बाद किसान संगठन दिल्ली कूच पर घोषणा करेंगे।
विधानसभा में गूंजा किसान आंदोलन में हुई मौत का मामला
पंजाब विधानसभा में विपक्ष ने बजट सत्र के पहले ही दिन प्रदेश सरकार को किसान आंदोलन में हुई मौतों को लेकर घेरा। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित अपना अभिभाषण शुरू ही करने जा रहे थे कि पंजाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष राजा वड़िंग और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने राज्यपाल को अभिभाषण शुरू करने से पहले ही टोक दिया।
राजा वड़िंग ने शुभकरण सिंह की मौत मामले में दर्ज की गई जीरो एफआईआर पर सवाल उठाए। प्रताप सिंह बाजवा ने राज्यपाल से कहा कि बजट सत्र के शुरुआत को लेकर प्रदेश सरकार ने अपनी उपलब्धियों को लेकर जो खाका तैयार किया है, वह झूठ के पुलिंदे से बढ़कर और कुछ नहीं। बाजवा ने कहा कि प्रदेश में हालात खराब हैं। किसान आंदोलन के दौरान 300 से ज्यादा किसान घायल और जख्मी अवस्था में अस्पतालों में उपचाराधीन हैं।
कांग्रेस के विधायकों ने किसान आंदोलन पर जब सरकार को घेरा और राज्यपाल के अभिभाषण में जब खलल पैदा की तो राज्यपाल अपना अभिभाषण पूरा नहीं कर सके। इसके बाद विस अध्यक्ष को बजट सत्र की शुरुआती कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा। प्रताप सिंह बाजवा ने बजट सत्र के शुरुआत में विधानसभा में नारेबाजी की और हरियाणा के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और अंबाला के एसपी के खिलाफ पर्चा दर्ज करने की मांग की।