पंजाब विधानसभा का बजट सत्र के पहले दिन विधायकों ने बिजली के मुद्दे पर किया हंगामा

पंजाब विधानसभा का बजट सत्र के पहले दिन शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने बिजली के मुद्दे पर हंगामा किया। शिअद की ओर से बिजली दरों में वृद्धि के मामले पर काम राेको प्रस्‍ताव दिया, लेकिन स्‍पीकर ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद शिअद के विधायक हंगामा और नारेबाजी करने लगे। वे सदन के वेल में आ गए। इससे भारी शाेरगुल हाे गया।

बिजली मामले पर काम रोको प्रस्‍ता खारिज करने के बाद शिअद विधायकों ने किया हंगामा

सदन में मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि सीबीआइ बेअदबी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हार गई है और पंजाब विधानसभा के फैसले को मान कर दिया है। अब बेअदबी मामले की जांच पंजाब सरकार करेगी। पंजाब सरकार द्वारा बहबल कलां केस वापस लेने पर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।

विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन ही बिजली की दरों में वृद्धि के  मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। शिरोमणि अकाली दल की ओर से इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए काम रोको प्रस्ताव दिया गया। विधानसभा स्पीकर राणा केपी सिंह इस प्रस्‍ताव को खारिज कर दिया। इसका शिअद विधायकों ने विरोध किया। शिअद विधायकों ने जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की। शिअद विधायक सदन के वेल में आ गए नारेबाजी करने लगे।

विधानसभा में अमृतसर में एसटीएफ द्वारा 194 किलो हेरोइन पकड़े जाने का मामला भी उठा। कांग्रेस के विधायक कुलबीर जीरा ने यह मामला उठाया। इसके बाद मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार इस मामले में बिक्रम सिंह मजीठिया के शमूलियत की जांच करवाएगी। इस मामले को विपक्ष के नेता और आप विधायक हरपाल चीमा ने भी उठाया। जीरा ने कहा कि जिसके घर से हेरोइन पकड़ी गई वह अकाली दल के पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के करीबी थे। मजीठिया ने ही उसे एसएस बोर्ड का सदस्य बनाया था।

इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही पिेछले दिनों दिवंगत हुए हस्तियों और लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। बजट सत्र शुरू होने से पहले शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने विधानसभा के बाहर बिजली सहित अन्‍य मुद्दों पर पोस्‍टरों के साथ प्रदर्शन किया और कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बजट सत्र 4 मार्च तक चलेगा। 28 फरवरी को वित्‍तमंत्री मनप्रीत बादल राज्‍य का बजट पेश करेंगे।

स्‍कूल वैन हादसे में मारे गए बच्‍चों सहित दिवंगत हस्तियों को विधानसभा में दी गई श्रद्धांजलि

पंजाब विधानसभा के बजट सत्र की शुरूआत सुबह 11 बजे हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद पिछले दिनों दिवंगत हुए नेताओं और हस्तियों को श्रद्धांजलि दी गई। सदन में पिछले शनिवार को संगरूर के लोंगोवाल गांव मं स्‍कूल वैन में आग लगने से  मारे गए चार बच्चों को भीी श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। विधानसभा में संयुक्‍त पंजाब के विधायक रहे चौधरी खुर्शीद अहमद, पूर्व विधायक राज कुमार गुप्ता, पूर्व  सांसद अश्विनी चोपड़ा, स्वतंत्रता सेनानी गुरदेव सिंह, दरबारा सिंह, प्रसिद्ध लेखिका दलीप कौर टिवाणा, जसवंत सिंह कंवल, और लाची बावा को श्रद्धांजलि दी गई।

इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। शिअद विधायकों ने बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ पोस्‍टरों के साथ प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

दूसरी ओर, सत्र शुरू होने से पहले ही आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। दोनों ही दलों ने सत्र की अवधि को बढ़ाने के लिए विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह को अलग-अलग मांग पत्र सौंपा। महंगी बिजली को लेकर विपक्ष के तेवर तीखे होने से साफ संकेत मिल रहे हैं। सत्ता पक्ष के लिए स्थिति अनुकूल नहीं रहने वाली है। क्योंकि महंगी बिजली को लेकर सत्ता पक्ष में भी नाराजगी पाई जा रही है।

विपक्ष के तरकश में महंगी बिजली, रेत व बेअदबी जांच जैसे तीर

वहीं, विपक्ष के तीखे बाणों को रोकने की रणनीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीरवार को ही सुबह 10 बजे बैठक बुलाई। 80 विधायकों के साथ विधानसभा में डटी कांग्रेस सरकार की सबसे बड़ी चिंता ‘सेल्फ गोल’ को लेकर है। विपक्ष भले ही कमजोर हो, लेकिन कांग्रेस की स्थिति ‘गुटों में बंटे, टापुओं पर डटे’ वाली है।

वहीं, दिल्ली में तीसरी बार सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी में गजब की शक्ति का संचार हुआ है। क्योंकि दिल्ली में कांग्र्रेस का न सिर्फ वोट बैंक खिसक गया, बल्कि उन्हें एक भी सीट नहीं हासिल हुई। आम आदमी पार्टी का अगला निशाना पंजाब है। ऐसे में आम आदमी पार्टी की पूरी-पूरी कोशिश होगी कि वह सरकार को घेरे।

आप के पास पहले ही महंगी बिजली का मुद्दा है, जिसे लेकर वह लंबे समय से सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है। चूंकि आप के लिए यह अनुकूल माहौल भी है, क्योंकि महंगी बिजली को लेकर कांग्र्रेस सरकार को खुद उनके मंत्री व विधायक घेर रहे है। ऐसे में आप की एक छोटी सी चिंगारी कांग्रेस के रक्षा कवच को भेद सकती है।

 बिजली पर सरकार असहज

राज्‍य की कांग्रेस सरकार भले ही यह दावा करती रही हो कि निजी थर्मल प्लांटों के साथ हुए समझौते शिरोमणि अकाली दल और भाजपा सरकार के दौरान हुए थे, लेकिन अकाली दल ने भी महंगी बिजली को लेकर सरकार को ही घेरना शुरू कर दिया है। सरकार इस बात को लेकर असहज है कि करार भले ही पिछली सरकार के दौरान हुआ हो, लेकिन तीन साल के कार्यकाल में उन्होंने क्या किया। सरकार निजी कंपनियां 2800 करोड़ रुपये का कोयला धुलाई का खर्चा भी 96 लाख उपभोक्ताओं पर डाल चुकी है।

शिरोमणि अकाली दल बहिबलकलां पुलिस फायरिंग कांड के गवाहों को बयानों से पलटवाने के लिए उनपर डाले जा रहे दबाव के बारे विस्तार से चर्चा करने की मांग कर रही है। ऐसे में विपक्ष सरकार के लिए कोई बड़ी चुनौती तो नहीं, लेकिन परेशानी जरूर खड़ी कर सकती है।

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