पंजाब विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। पांच मार्च को बजट पेश होगा। सत्र 15 मार्च तक चलेगा। विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। विपक्ष शुभकरण सिंह की मौत, किसान आंदोलन और कानून व्यवस्था का मुद्दा सदन में उठाएगा ।
पंजाब विधानसभा का बजट सत्र एक मार्च यानी आज से शुरु होगा। बजट सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। गुरुवार को युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत मामले में पुलिस ने जीरो एफआईआर की। इस पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने गुरुवार को अपने आवास पर बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया कि सदन में अन्य मसलों के अलावा जीरो एफआईआर के मुद्दे को वह जोरशोर से उठाएंगे और मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस्तीफे की मांग करेंगे। अब भगवंत मान को पंजाब और विपक्ष को जवाब देना होगा। इसलिए बेहतर होगा कि वह सदन में तैयार होकर आएं।
प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि यह भी पता चला है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुफिया और पुलिस अधिकारियों का इस्तेमाल कर किसान संगठनों में फूट डाली और आंदोलन को विफल करने की साजिश रची और यह सब अब सामने आ गया है। अब यह भी स्पष्ट हो गया है कि भगवंत मान, अरविंद केजरीवाल और मंत्री गगन अनमोल मान ने विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता हासिल करने के लिए पंजाब के लोगों और किसानों को कैसे बेवकूफ बनाया और झूठ बोला।
बाजवा ने कहा कि विपक्ष की ओर से इस मामले को लेकर विधानसभा में सरकार को घेरने की तैयारी की गई है। वहीं, अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले पंजाब में माफिया खत्म करने, नशा खत्म करने, राजस्व वसूली, कानून व्यवस्था, किसानों, पंजाबियों और महिलाओं के लिए 1000 रुपये देने का वादा किया था। कांग्रेस इन मुद्दों पर भी आप सरकार को घेरेगी।
बाजवा ने कहा कि शुभकरण सिंह हत्याकांड में जीरो एफआईआर दर्ज करने के लिए हरियाणा के पक्षधर मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस्तीफा दे देना चाहिए। इस कार्रवाई से अब यह बात सामने आ गई है कि भगवंत मान केंद्र के प्रतिनिधि हैं जिन्होंने हरियाणा सरकार के साथ-साथ पंजाब और किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है।
बाजवा ने कहा कि आधी रात को जीरो एफआईआर दर्ज करने के 20 मिनट बाद ही शुभकरण सिंह के शव का पोस्टमार्टम कर दिया गया, जबकि यह स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी के खिलाफ है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि शाम के बाद पोस्टमॉर्टम नहीं किया जा सकता।