पंजाब में 40 लाख से अधिक वाहन हैं। इसके साथ ही खुलासा हुआ है कि राज्य में कमर्शियल वाहनों से वसूल जाने टैक्स में चोरी हो रही है। अनुमान है कि टैक्स में करीब एक हजार कराेड़ की चोरी हुई है। इसके बाद राज्य ट्रांसपोर्ट विभाग ने इस टैक्स चोरी की जांच के लिए 35 ऑडिट टीमों के गठन की मांग की है।
ट्रांसपोर्ट विभाग ने टैक्स चोरी की जांच के लिए सरकार से मांगी 35 ऑडिट टीमें
स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर डॉ. अमरपाल सिंह ने इस संबंध में जांच के लिए पंजाब सरकार से 35 ऑडिट टीमें मांगी हैं। ये टीमें जांच करेंगी कि बीते सालों में वाहनों की गिनती के अनुरूप विभाग को कितना पैसा आना चाहिए था और कितना आया? अगर इसमें कमी है, तो इन कमियों को दूर कैसे किया जाए?
ट्रांसपोर्ट विभाग एक सीनियर अधिकारी ने एसटीसी द्वारा पत्र लिखे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पंजाब में इस समय वाहनों पर लगे टैक्स से सरकार को मात्र 1478 करोड़ रुपये की आमदनी हो रही है। जबकि, जिस हिसाब से राज्य में वाहनों की संख्या है और ट्रांसपोर्ट का कारोबार है उसे देखते हुए यह राशि 2500 करोड़ से कम तो नहीं होनी चाहिए।
काबिले गौर है कि 2017 में सत्ता संभालते ही सरकार ने इस चोरी को रोकने के प्रयास शुरू किए थे और बजट अनुमानों में 3175 करोड़ रुपये का टैक्स उगाहे जाने का अनुमान लगाया, लेकिन कोई कार्रवाई न होने के चलते टैक्स रिकवरी बजट अनुमानों से कहीं पीछे रह गई। ट्रांसपोर्ट विभाग में चोरी को लेकर ऑडिटर जनरल (कैग) भी तीन साल पहले अंगुली उठा चुके हैं।
कैग का मानना था कि कमर्शियल वाहनों से पूरा टैक्स नहीं भरवाया जा रहा है। केवल संबंधित वाहन कंपनियों को टैक्स न भरने के नोटिस भेजे जा रहे हैं उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। कैग ने जिस अवधि का ऑडिट किया उस अवधि में रहे परिवहन अधिकारियों पर भी कैग ने सवाल उठाए।
काबिले गौर है कि पंजाब में 40 लाख से ज्यादा वाहनों की गिनती है। इनमें से कमर्शियल वाहनों की संख्या अलग करने को कहा गया है ताकि यह पता चल सके कि कितने ऐसे वाहन हैं और अनुमानित कितना टैक्स जमा होना चाहिए।
किस साल में कितना टैक्स हुआ जमा
2012 -13 994.72 करोड़ रुपये
2013-14 1145.70 करोड़ रुपये
2014-15 1392.32 करोड़ रुपये
2015-16 1474.83 करोड़ रुपये
2016-17 1489.91 करोड़ रुपये
2017-18 3175 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया लेकिन यह 1500 करोड़ ही जमा हो सका।