पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को गन्ने के राज्य समर्थन मूल्य में 11 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की। इससे किसानों को उनकी उपज का दाम 391 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य की सभी सहकारी और निजी मिलों में 2 दिसंबर से पिराई सीजन के एलान कर दिया।
एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में 11 रुपये को अच्छा शगुन माना जाता है, इसलिए हमारी सरकार ने किसानों को यह तोहफा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब पूरे देश में गन्ने का सबसे ज्यादा दाम दे रहा है, जिससे किसानों को बड़ा फायदा हो रहा है। मान ने कहा कि हाल ही में किसानों के साथ हुई बैठक में उन्होंने वादा किया था कि गन्ने की कीमत के मामले में पंजाब देश में अग्रणी होगा और आज यह वादा पूरा हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार गन्ना उत्पादकों को गन्ना मूल्य देने में सदैव प्रथम रही है और यह क्रम अब भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 380 रुपये प्रति क्विंटल एसएपी का भुगतान किया था, जो हरियाणा द्वारा हाल ही में 386 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत घोषित करने तक सबसे अधिक था। मान ने कहा कि राज्य सरकार ने अब इस कीमत को बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे पंजाब के किसानों को काफी फायदा होगा।
किसान बोले-शगुन 21 और 51 का भी होता है
हालांकि सीएम के इस एलान से किसान खुश नहीं हैं। जालंधर में किसान जत्थेबंदियों ने एक बैठक की और कहा कि सीएम के भरोसे पर जालंधर में धरना हटा लिया था लेकिन मुख्यमंत्री ने शगुन के नाम पर सिर्फ 11 रुपये बढ़ाए, शगुन 21 और 51 का भी होता है। पिछली बार जब किसानों ने संघर्ष किया था तब तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 50 रुपये रेट बढ़ाए थे।
किसानों ने कहा कि चार दिन के धरने से किसानों का नुकसान हुआ, लोगों को भी परेशानियां का सामना करना पड़ा और बढ़े सिर्फ 11 रुपये, जो हमें मंजूर नहीं। पंजाब की शुगर मिलें देश भर में सबसे बाद शुरू हो रही है जिससे किसानों का बड़ा नुकसान हुआ है। सीएम ने 28 को नया रेट ऐलान करने का वादा किया था लेकिन आज सिर्फ खानापूर्ति की गई।
इस बैठक में 32 जत्थेबंदियां शामिल हुई। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर गुरदासपुर में बस स्टैंड के उद्घाटन के बाद 400 रुपये से अधिक के गन्ने का रेट और शुगर मिलें चालू करने का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ तो किसान फिर से संघर्ष के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि 350 से अधिक किसानों पर रेलवे ट्रैक रोकने को लेकर दर्ज हुआ पर्चा सरकारों की नाकामियों का नतीजा है, इन्हें रद्द करना चाहिए।
बाजवा बोले-शगुन देना था तो 21 रुपये तो देते
पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने गन्ने का दाम 11 रुपये बढ़ाने को नाकाफी बताया है। बाजवा ने ट्वीट कर लिखा कि सरकारें शगुन नहीं फसल की असली कीमत देती हैं। यह पंजाब के किसानों के साथ आपका एक अप्रिय मजाक है।
बाजवा ने लिखा कि मैं पंजाब के सभी गन्ना उत्पादकों की और से मांग करता हूं कि इस सीजन के लिए गन्ने का मूल्य कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया जाए। बाजवा ने तंज कसा कि भगवंत मान अगर शगुन ही देना था तो 21 रुपये दे देते, अब साल 1973 नहीं 2023 चल रहा है।